एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने विक्रम विश्व विद्यालय में सोमवार को मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने विश्व विद्यालय पर लगे पुलिस के पहरे को तोड़कर जबरन घुसने का प्रयास किया। इसके बाद पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई।
एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष मंजुल त्रिपाठी विश्व विद्यालय में चल रही अनियमितता को लेकर में ज्ञापन देने आए थे। उज्जैन पहुंचते ही त्रिपाठी ने महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन कर गाड़ियों से रैली के रूप में फ्रीगंज होते हुए यूनिवर्सिटी पहुंचे। कालिदास अकादमी के पास ही उनके गाड़ियों को पुलिस ने रोक दिया। त्रिपाठी के साथ प्रदेश सचिव प्रितेश शर्मा, जिला अध्यक्ष अंबर माथुर सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ पैदल विश्व विद्यालय पहुंचे। भीड़ को देखते हुए विश्व विद्यालय परिसर के मुख्य द्वार को पहले से बंद कर पुलिस बल लगा दिया गया था।
मुख्य द्वार पर चढ़े कार्यकर्ता
पूर्व से निर्धारित ज्ञापन में सैकड़ों कार्यकर्ता पहुंचे थे। इसके कारण परिसर को पुलिस ने छावनी बना दिया। जिसके बाद पदाधिकारी सभी कार्यकर्ताओं के साथ बेरिकेटिंग तोड़ते हुए जबरन परिसर में घुसने की कोशिश करने लगे। इस पर पुलिस और कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई। कार्यकर्ता चाहते थे कि ज्ञापन सभी के साथ हो, लेकिन पुलिस ने सुरक्षा कारणों से 10 लोगों को अंदर जाने की अनुमति दी। इस बीच, कुछ कार्यकर्ता मुख्य द्वार पर चढ़ कर नारे बाजी करने लगे।
कार्यकर्ताओं का आरोप
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष मंजुल त्रिपाठी का कहना है कि कुलपति विश्व विद्यालय का भगवा करण कर रहे हैं। विश्व विद्यालय को राजनैतिक अड्ड़ा बनाया जा रहा है। त्रिपाठी ने कहा कि पिछड़ा वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति लंबित है। अजा वर्ग की छात्रवृत्ति का भुगतान भी शीघ्र किए जाने और मेडिकल कॉलेज विश्व विद्यालय परिसर में बनाने को लेकर कुलपति को ज्ञापन दिया है।