भोपाल जिले के विकासखण्ड बैरसिया के ग्राम ललरिया के कृषक श्री अब्दुल हकीम खान पिता श्री वहीद खान ने सरसो की जैविक खेती को लाभ का धंधा बनाने की शानदार पहल की है। कृषक के मुताबिक जैविक खेती द्वारा सरसों की फसल से आर्थिक तरक्की का मार्ग प्रशस्त होगा।
श्री हकीम कहते है कि आत्मा परियोजना के माध्यम से कृषकों के प्रक्षेत्र एवं प्रशिक्षणों के द्वारा समय-समय पर तकनीकी जानकारी एवं मार्ग दर्शन मिलने से प्रोत्साहित होकर उन्होनें लगभग 18 एकड़ में सरसों गिरीराज किस्म की खेती को लाभ का धंधा बना रहे है, साथ ही अन्य रकबे पर जैविक गेंहू, चना, सब्जी, फल आदि का उन्नत तकनीक से खेती करना शुरू किया। सब्जी की खेती करने से उन्हें अच्छा लाभ भी हुआ।
वे बताते है कि विगत वर्षों में कृषक श्री हकीम को 1.50 लाख रूपये से ज्यादा की आमदनी सब्जी उत्पादन से हुई। इसी तरह जैविक खेती से गेंहू उत्पादन कर 10 एकड के हिसाब से 15 क्विंटल उपज में 3800 रूपये प्रति क्विंटल की दर से 5.70 लाख रूपये प्राप्त हुये। जिसका शुद्ध लाभ 10 एकड का आदान रूपये 1 लाख 10,000 प्रति एकड के हिसाब से को हटाकर 4.70 लाख शुदध लाभ प्राप्त हुआ।
आत्मा परियोजना एवं कृषि वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र से मिली प्रेरणा इस कृषक की 18 एकड़ जमीन में तकरीबन 216 क्विंटल 12 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार हुई बाजार में इसका तकरीबन रुपये सात हजार प्रति क्विंटल के हिसाब से उत्तम भाव मिला, जबकि पारम्परिक गेंहू की अधिकतम उपज 20 क्विंटल प्रति एकड़ का उत्पादन होता है, जिसका अधिकतम मूल्य 1975 रूपये मिल पाता है। फसल विविधीकरण अपनाकर अब कम भूमि में अधिक उत्पादन एवं लाभ ले पा रहा हूँ। इसी प्रकार प्राप्त लाभ से प्रेरित होकर उन्होंने सरसो की जैविक खेती खुद करते हैं और अन्य कृषकों को भी जैविक आधारित खेती करने की सलाह देते हैं। इन्हें आत्मा परियोजना अंतर्गत जिला स्तरीय सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार भी प्राप्त हो चुका है।