120 स्पेशल काेर्स, नतीजा- पहली बार 8 सरकारी कॉलेजों में छात्र 50 हजार पार


एजुकेशन हब इंदाैर के लिए यह खबर बेहद महत्वपूर्ण है। शहर के आठ शासकीय कॉलेजाें में पहली बार कुल छात्र संख्या 50 हजार के पार पहुंच गई है। छात्र संख्या बढ़ने का पहला बड़ा कारण इन कॉलेजों में दो साल में शुरू हुए 25 नए स्पेशलाइजेशन कोर्स हैं। दूसरा कारण, कोरोना के कारण आर्थिक स्थिति गड़बड़ाने से भी कुछ छात्र निजी से सरकारी कॉलेज में शिफ्ट हुए हैं।

फिलहाल आठाें कॉलेजाें में तीनाें संकाय के यूजी-पीजी काेर्स में मिलाकर 120 से ज्यादा स्पेशलाइजेशन काेर्स चल रहे हैं। इनमें अकेले एमए में 18 और बीएससी में 21 काेर्स हैं। मालूम हो, शासन ने भी नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत सबसे ज्यादा ध्यान जीईआर (ग्रॉस एनरोलमेंट रेशोे) बढ़ाने पर दिया था। उसका भी नतीजा रहा कि शहर के शासकीय कॉलेजाें में रिकॉर्ड नए एडमिशन हुए।

इतने ज्यादा छात्र बढ़े कि क्लास रूम कम पड़ने लगे, ताबड़ताेड़ बना रहे

इस साल राज्य शासन ने नई सीटाें में भारी इजाफा किया। हर कॉलेज में पिछले सालाें की तुलना में 25 फीसदी ज्यादा प्रवेश हुए। छात्र संख्या बढ़ाने के साथ तत्काल क्लास रूम नहीं बढ़ाए। नतीजा यह हुआ कि छात्राें के बैठने की जगह कम पड़ने लगी। यही वजह है कि जीएसीसी में 12 नए क्लास रूम तैयार हैं।

हाेलकर में 18 तैयार हैं, जबकि छह नए बनेंगे। निर्भय सिंह पटेल कॉलेज में भी 12 नए क्लास रूम मंजूर हुए। ज्यादातर कॉलेजाें में या ताे काम चल रहा है या पूरा हाे चुका है। न्यू जीडीसी में भी छह नए क्लास रूम बनकर तैयार हैंै। बाकी छह का काम चल रहा है।

एक्सपर्ट- निजी जैसे स्पेशलाइजेशन कोर्स अब सरकारी में, छात्रों को ये पसंद आ रहे

शिक्षाविद डॉ. एसएल गर्ग कहते हैं निजी कॉलेजों जैसे स्पेशलाइजेशन कोर्स अब सरकारी कॉलेजों में भी शुरू हो रहे हैं, इसलिए छात्रों का रुझान सरकारी कॉलेजों में बढ़ा है। सरकारी कॉलेजों को अब क्वालिटी एजुकेशन बरकरार रखना बड़ी चुनाैती है। विजिटिंग फैकल्टी की संख्या बढ़ाने के साथ शासन काे अब सहायक प्राध्यापकों के नए खाली पद भरने पर ध्यान देना हाेगा।

अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा डॉ. सुरेश सिलावट कहते हैं विजिटिंग फैकल्टी की संख्या भी जरूरत के हिसाब से बढ़ाना पड़ेगी। नए क्लासरूम वर्ल्ड बैंक, रूसा व शासन की याेजनाओं के माध्यम से सारे शासकीय कॉलेजाें काे मंजूर किए गए हैं।

प्राे. एमडी साेमानी कहते हैं ग्रास एनरोलमेंट रेशो बढ़ाने में शासन का प्रयास बहुत सफल रहा है। इससे भी फायदा हुआ है।

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