उज्जैन। पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी विकासखंड तराना डॉ. प्रवीणसिंह परिहार का नियम विरुद्ध निलंबन किया गया। इसे लेकर प्रांतीय राजपत्रित पशु चिकित्सक संघ जिला इकाई उज्जैन ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से डॉ. परिहार का निलंबन समाप्त कर बहाली की मांग की गई।
डॉ. पीएस परिहार ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि एसडीएम के प्रतिवेदन में 8 फरवरी बताई गई है वास्तव में घटना 9 फरवरी की सुबह 8.30 बजे की है। डॉ. परिहार को प्रथम सूचना तहसीलदार माकड़ोन सपना शर्मा द्वारा ९ फरवरी को प्रात: ९.५५ पर मोबाइल काल से देकर घटनास्थल पर किसी पशु चिकित्सक को भेजने हेतु कहा गया। डॉ. परिहार द्वारा माकड़ोन में पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी को चिकित्सा कार्य हेतु शीघ्र पहुंचने हेतु निर्देशित किया गया एवं तहसीलदार माकड़ोन को बताया गया। डॉ. परिहार स्वत: संज्ञान लेते हुए घटना स्थल हेतु रवाना हुए। प्रात: 10.52 बजे थाना प्रभारी माकडोन के मोबाइल से घटना स्थल पर उपस्थित डॉ. राजकुमार गामी पशु चिकित्सक प्रभारी प. चि. दुपाड़ा द्वारा बताया गया कि घटना होने के आधे घण्टे में ग्रामीणों की सूचना पर घटना स्थल पर आ गये एवं 4 गायें जो कि दुर्घटना में घायल होकर जीवित बची है, का उपचार उनके द्वारा कर दिया गया है एवं घटना स्थल पर पूरे समय मौजूद रहें। डॉ. परिहार पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी हैं एवं वेटनरी एक्सटेंशन का दायित्व निर्वहन करते हैं। यह उल्लेखनीय है कि डॉ. परिहार विभागीय समस्त योजनाओं हेतु उत्तरदायी होकर प्रादेशिक एवं राष्ट्रीय योजनाओं में अत्यंत गंभीरता के साथ कार्य करते हुए एनएडीसीपी, एनएआईपी, ब्रुसेला टीकाकरण एवं पशुपालन में केसीसी बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं। उनके द्वारा पशुपालन केसीसी में 2019-20 में दिये गये 500 केसीसी के लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूर्ण कर जिले में प्रथम रहते हए वर्ष 2020-2021 में लक्ष्य में 100 केसीसी नवीन लक्ष्य लगभग 3500 केसीसी के विरूद्ध अत्यंत अच्छी प्रगति देते हुए लगभग 1 माह में ही 1800 केसीसी आवेदन प्रस्तुत करते हुए 8 फरवरी को 520 के रिकार्ड आवेदन कार्या. उपसंचालक को प्रस्तुत किये गये। उक्त कार्यों हेतु माह में 10 से 12 दिन आपनी उपस्थिति जिला कार्यालय में दी जाती है। पशु चिकित्सा संबंधी कार्यों हेतु निकटस्थ पशु चिकित्सालय के अधिकारी पाबंद होते हैं, साथ ही इन्हें किसी प्रकार के शासकीय वाहन की सुविधा भी उपलब्ध नही है। डॉ. राजकुमार गामी शा. पशु चिकित्सक हैं, घटना स्थल से 3 किमी. दूरी पर स्थित शासकीय प. चि. दुपाड़ा में पदस्थ हैं एवं चिकित्सा एवं कानूनी समस्त कार्यवाही हेतु पात्र व्यक्ति है। एसडीएम तराना घटना स्थल पर लगभग 2 से 2.30 घंटे बाद पहुंचने पर डॉ. गामी द्वारा अपना परिचय देकर सभी घायल गायों का समुचित इलाज किया गया।
देवेन्द्रसिंह घटना स्थल पर लगभग 11.15 बजे पहुंचे। डॉ. गामी से स्थिति की जानकारी लेकर लगभग 11.30 बजे एसडीएम तराना से मिलकर अपना परिचय देकर किये गये कार्य की जानकारी दी। इसी दरमीयान एसडीएम तराना द्वारा संज्ञान में होते हुए कि घटना स्थल पर एक योग्य एवं पात्र शासकीय पशुचिकित्सक उपलब्ध हो गये एवं संपूर्ण चिकित्सा कार्य संपादित कर चुके हैं। पशु चिकित्सालय माकडोन से प. चि. क्षेत्र अधिकारी देवेन्द्रसिंह भी लगभग सवा घंटे में आ गये, उनके द्वारा लगभग 11.30 बजे डॉ. परिहार का पक्ष सुने बगैर अत्यंत कठोर शब्दों में कहा कि आपको घटना स्थल पर आने की कोई आवश्यकता नहीं, आपको कलेक्टर द्वारा निलंबन की कार्यवाही कराई जावेगी।
पशुपालन विभाग के चिकित्सक अधिकारी घटना स्थल पर सर्वप्रथम पहुंचे एवं संपूर्ण कार्य संपादित किया। अत: एसडीएम द्वारा पशु चिकित्सक की अनुपस्थिति के कारण कानून एवं व्यवस्था की स्थिति निर्मित हुई, यह बताना डॉ. परिहार के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित प्रतीत होता है। एकता जायसवाल अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) तराना को उच्च अधिकारियों को भ्रमित कर डॉ. प्रवीण सिंह परिहार जो कि एक राजपत्रित अधिकारी वर्ग-2 है निलम्बन की कार्यवाही श्रीमान से कराई गई।