मध्यप्रदेश के ऊर्जा सचिव और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अध्यक्ष विवेक पोरवाल ने कहा कि उपभोक्ता हित में ज्यादा से ज्यादा सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग हो।
उपभोक्ताओं को त्रुटिरहित और समय पर बिजली बिल देने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाए।
ऊर्जा सचिव पोरवाल ने गुरुवार दोपहर ये बातें बिजली अधिकारियों की मिटिंग में कहीं। मप्रपक्षेविविकं के पोलो ग्राउंड इंदौर स्थित मुख्यालय सभागार में हुई मिटिंग में प्रबंध निदेशक अमित तोमर विशेष रूप से उपस्थित थे। पोरवाल ने कहा कि उपभोक्ता सुविधाओं पर फोकस रखा जाए, साथ ही राजस्व पर भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि आईटी के युग में हमें साइबर सुरक्षा पर भी ध्यान देना होगा, ताकि कंपनी व उपभोक्ता को आगे जाकर किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। संभव हो तो कार्मिकों को साइबर सुरक्षा की उच्च स्तर की ट्रेनिंग भी दिलाई जाए।
उन्होंने कंपनी के कार्यालयों, वितरण केंद्रों, जोन पर सिविल संबंधी कार्य भी समय पर करने के निर्देश दिए। मप्रपक्षेविविकं के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने कंपनी क्षेत्र के बिजली वितरण, राजस्व संग्रहण, लाइ लास घटाने के लिए हो रहे प्रयास के साथ ही आईटी क्षेत्र के उपभोक्ता हितैषी कार्यों की जानकारी दी। मिटिंग में प्रमुख रूप से मुख्य महाप्रबंधक रिंकेश कुमार वैश्य, कार्यपालक निदेशक संजय मोहासे, गजरा मेहता, मुख्य अभियंता एसएल करवाड़िया, एसआर बमनके, पुनीत दुबे, मुख्य वित्त अधिकारी नरेंद्र बिवालकर आदि मौजूद थे।
पिछले निर्णय का विरोध शुरू
सचिव पोरवाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई पिछली बैठक में बिजली जोन से बिल सुधार बंद करने के लिए कहा था। कंपनी ने इसे तुरंत लागू भी कर दिया है। पिछली बैठक के आधार पर लिए इस निर्णय का विरोध भी शुरू हो गया है। दरअसल जोन से उपभोक्ताओं को लौटाया जा रहा है। इतना ही नहीं अंदर से खबर आ रही है कि जोन के प्रभारी इंजीनियर भी इस बदलाव से नाराज है। दरअसल अब अगर बिल सुधारना है तो नोटशीट बनाना अनिवार्य होगा।
मुख्यालय भेजने के लिए नोटशीट बनाने का काम जोन पर पदस्थ बाबुओं के हवाले होता है। जोन पर कार्यालयीन स्टाफ पहले से कम है। ऐसे में बिल सुधार की नोटशीट बनाना किसीभी जोन के लिए आसान नहीं होगा। बाबूगिरी से बचने के जोन की और से बिल सुधार के लिए आने वाले उपभोक्ताओं को बेरंग लौटना शुरू कर दिया है।