राजधानी भोपाल में शुक्रवार को शराब ठेकेदारों ने हड़ताल कर दी है। इससे शहर की कई दुकानों पर ताले डले हुए हैं। ठेकेदार आबकारी मंत्री के बंगले का घेराव भी कर सकते हैं। स्ट्राइक के पीछे अफसरों की रूटिन चेकअप के बहाने दुकानें सील करना बड़ी वजह बताई जा रही है। इसके अलावा देशी-अंग्रेजी शराब दुकानें एक ही जगह खोलने का विरोध भी है। आबकारी विभाग के अफसर गुरुवार रात शराब दुकानों की चेकिंग करने भी पहुंचे थे। इस दौरान कुछ दुकानों को सील भी कर दिया गया। इसके विरोध में शुक्रवार को शराब ठेकेदार सड़क पर उतर गए। उनका कहना है कि अफसरों ने रूटीन चेकिंग के बहाने छापा मारकर कई दुकानें सील कर दी। चेकिंग के दौरान शराब की बिक्री भी नहीं कर पाए। इसके विरोध में दुकानें बंद की गई हैं। सरकार को करोड़ों का राजस्व नुकसान होगा।
सहायक आयुक्त अजय शर्मा ने बताया, वाइन शॉप पर रूटिन चेकअप किया था। बिक्री रोकने जैसा कुछ नहीं किया। ठेकेदारों ने दुकानें बंद क्यों की, यह दिखवाते हैं।
कम्पोजिट शॉप, जहां देशी-अंग्रेजी शराब बेचने की शर्त
भोपाल में शराब की 90 दुकानें हैं। 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक की अवधि के लिए ई-टेंडर की प्रोसेस 11 फरवरी को हुई थी। हालांकि, 32 दुकानों के ही ठेके हुए थे। ठेकेदारों का कहना है कि विभाग ने इस बार 25% रिजर्व प्राइज बढ़ा दिया। यह घाटे का सौदा है। वहीं, देशी और अंग्रेजी शराब एक ही दुकानों पर बेचने की शर्त भी है। इस कारण कारोबार पर असर पड़ेगा।
जो दुकानें खुली, वहां विभाग का अमला
कुछ दुकानें खुली हुई भी है। जहां पर विभाग का अमला चेकिंग में लगा है। इससे शराब की बिक्री नहीं हो रही है। एमपी नगर स्थित दुकान के सेल्समैन कृष्णा पटेल ने बताया, शराब नहीं बेच पा रहे हैं। इससे नुकसान हो रहा है। अमला चेकिंग कर रहा