उज्जैन । उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में लागू की गई नवीन शिक्षा नीति विद्यार्थियों को शिक्षा और कौशल संवर्धन के साथ उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करेगी। पाठ्यक्रमों में रोजगारमूलक विषयों को शामिल करने से पढ़ाई समाप्त करने के बाद अब विद्यार्थियों को रोजगार के लिये भटकना नहीं पड़ेगा। डॉ. यादव विगत गुरुवार को शासकीय और निजी महाविद्यालयों के स्नातक प्रथम वर्ष के 4.94 लाख विद्यार्थियों के लिये आयोजित वर्चुअल इंडक्शन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति में व्यावसायिक पाठ्यक्रम की पहल से विद्यार्थी अपनी रुचि अनुसार पाठ्यक्रम का चयन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त वे इंटर्नशिप और अप्रेंटिसशिप के विकल्प को अपनाकर अपने कौशल को निखार सकते हैं। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा का मुख्य उद्देश्य केवल विद्यार्थियों को व्यवसायों का अकादमिक ज्ञान या तकनीकी प्रशिक्षण देना मात्र नहीं है। यह विस्तृत उद्देश्यों वाली अत्यावश्यक शिक्षा है, जो युवाओं के कौशल को निखार कर रोजगार के अवसरों के अनुरूप उन्हें परिपक्व बनाती है।
कार्यक्रम में एनआईसी सेंटर के माध्यम से प्रदेश के 1339 महाविद्यालयों के छात्र वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे। इस अवसर पर आयुक्त उच्च शिक्षा श्रीमती सोनाली वायंगणकर ने महाविद्यालयों के प्राचार्यों से चर्चा की और विद्यार्थियों के सवालों के जवाब भी दिये।