उच्च शिक्षा मंत्री के आदेश के बावजूद भी विद्यार्थियों से तगड़ी पेनल्टी बसुल रहे कॉलेज वाले

कालेजों की मनमानी के खिलाफ एनएसयूआई, सेवादल और युवा कांग्रेस ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय का घेराव कर उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव के नाम कुलपति रेणु जैन, रजिस्ट्रार अनिल शर्मा और छात्र कल्याण संकाय के डीन एलके त्रिपाठी को ज्ञापन सौंपा।

संगठन का आरोप है कि उच्च शिक्षा विभाग के आदेश के बावजूद कई कालेज विद्यार्थियों से फीस के नाम पर तगड़ी पेनाल्टी वसूल कर रहै हैं। साथ ही शेष फीस जमा करने का दबाव बनाकर उन्हें परीक्षा में नहीं बैठने दिया जा रहा।

युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव ने ज्ञापन में कहा कि इंदौर संभाग सहित विभिन्न महाविद्यालय की कक्षाओं के संकाय के छात्र छात्राओं द्वारा आधी फीस भरने के बाद भी पहले सेमेस्टर की परीक्षा में नहीं बैठने की धमकी दी जा रही है और दूसरे सेमेस्टर की पढ़ाई और कोर्स प्रारंभ नहीं हुआ है। उसकी फीस जमा करने के लिए छात्र छात्राओं पर महाविद्यालय द्वारा दवाब बनाया जा रहा है, जबकि कक्षा में द्वितीय सेमेस्टर की पढ़ाई चालू होती हैं, तभी इसकी फीस भरना होती हैं। कहीं कहीं प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा हुईं ही नहीं है या हो रहीं हैं तो फिर द्वितीय सेमेस्टर की फीस छात्र छात्राओं से वसूलने की बात की जा रही है। फीस नहीं भरने पर 25 या 50 रुपये प्रतिदिन पेनाल्टी लगाई जा रही है। कोरोना काल के कारण पहले ही लोगों को परिवार चलाना बड़ा मुश्किल पर रहा है। महाविद्यालय संचालकों की मनमानी एवं तानाशाही से छात्र छात्राओं मानसिक रूप से परेशान हो रहा है।

कोरोना काल को देखते हुए उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने 11 फरवरी को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में आदेश दिए थे कि छात्रों से तगड़ी पेनाल्टी वसूलने वाले और लगाने वाले महाविद्यालयों पर जांच कर कार्यवाही की जाए। उनके बावजूद भी विश्वविद्यालय ने कोई भी ध्यान नहीं दिया और महाविद्यालय संचालकों द्वारा उच्च शिक्षा मंत्री के आदेश की अवहेलना की जा रही है। साथ ही पिछले दो वर्षों से पिछड़े वर्ग अनुसूचित जनजाति सहित अन्य वर्गों को शासन से मिलने वाली छात्र वृत्ति नहीं मिल रहीं हैं। वहीं सरकार द्वारा पोर्टल भी नहीं खोला जा रहा है, जिससे गरीब छात्र छात्राओं परेशानी हो रहें हैं।

कुलपति ने आश्वासन देते हुए कहा है कि दूसरे सेमेस्टर की फीस लेना और पेनाल्टी लेना दोनों मामले नियमों विरुद्ध है। इस संबंध में सभी महाविद्यालयों को पत्र जारी किया जा रहा है और स्पष्टीकरण मांगा जाएगा और कार्यवाही की जाएगी। इस दौरान से सन्नी राजपाल, अमित चौरसिया, निलेश पटेल, सरफराज अंसारी, भूपेन्द्र केतके, नितिश भारद्वाज, पीके उपाध्याय, दिलीप ठक्कर, पीयूष भिटे, इशाक खान, ओमप्रकाश आर्य आदि उपस्थित थे।

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