पुरुषार्थ वसुधैव कुटुम्बकम सेवा संस्था द्वारा हिंदू नववर्ष गुड़ी पड़वा पर दो अप्रैल को हर घर पर भगवा ध्वज लहराया इसलिए 16 दिनी अभियान चलाया जाएगा। घर-घर भगवा, हर घर भगवा नामक अभियान 15 से 31 मार्च तक चलाया जाएगा।
इसके लिए मुख्य टोली की एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में भगवा ध्वज निर्माण एवं वितरण संबंधी जानकारी दी गई।
संस्था प्रमुख नानूराम कुमावत ने बताया कि उक्त महाअभियान के तहत आगामी 25 फरवरी को विभिन्न कार्यकर्ताओं तथा मोहल्ला समितियों की एक वृहद बैठक का आयोजन भी रखा गया है। 10 मार्च से नगर में विभिन्न स्थानों पर सशुल्क ध्वज वितरण प्रारंभ होगा। महाभियान के सुचारू कार्यान्वयन के लिए एक मार्च से नौ मार्च तक मोहल्ला समूहों की बैठक के बाद 11 मार्च से 14 मार्च नगर के विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक संगठन, रहवासी संघ आदि में बैठक एवं संपर्क कर इस महाअभियान की प्रभावी कार्ययोजना का संपादन किया जाएगा।
अभियान का शुभारंभ 15 मार्च से खजराना गणेश मंदिर सहित नगर के मुख्य मंदिरों तथा विभिन्न प्रमुख मार्गों से होगा। दो अप्रैल गुड़ी पड़वा के दिन समाज से आग्रह कर घर-घर उगते सूर्य को अर्ध्य देकर विभिन्न स्थानों पर नववर्ष बधाई कार्यक्रम आयोजित किया जाएंगे। विभिन्न सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं के अलावा गरबा मंडल, भजन मंडल, सुंदरकांड गायन मंडली, रहवासी संगठन आदि महानुभावों से अधिक से अधिक संख्या मे भाग लेकर आयोजन को सफल बनाने की अपील की है।
भागवत कथा भगवान द्वारा तैयार किया पंचामृत
रामायण में चार वक्ता और चार श्रोता है, लेकिन भागवत में पांच वक्ता और पांच श्रोता हैं। पहली भागवत नारायण ने ब्रह्मा को, दूसरी ब्रह्मा ने नारद को, तीसरी नारद ने वेदव्यास को, चौथी वेदव्यास ने शुक्राचार्य और पांचवी शुक्राचार्य ने परीक्षत को सुनाई। नाम भले ही उन सबके हो लेकिन वास्ताविकता यह है कि स्वयं भगवान ने ही इन रूपों का धारण कर कथा सुनाई है। इस कारण भागवत को भगवान द्वारा तैयार पंचामृत कहा गया है। यह बात भागवत भूषण बालकृष्ण शास्त्री ने सोमवार को एलएन सिटी में कही। वे गिरीराजधरण भक्त मण्डल के तत्वावधान में आयोजित भागवत कथा में संबोधित कर रहे थे। मंडल के अशोक उपाध्याय ने बताया कि कथा से पहले शोभायात्रा निकाली गई। कथा 28 फरवरी तक प्रतिदिन दोपहर तीन बजे से होगी।