गजानन महाराज 2 साल बाद फूलों से श्रृंगारित पालकी में इंदौर भ्रमण पर निकले

संत गजानन महाराज का 144वां प्रकट दिवस बुधवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। दो साल बाद गजानन महाराज पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकले।

इस मौके पर झुणका-भाकर का भोग लगाया गया था। भक्तों ने गण-गण गणात बोते महामंत्र का जाप किया। मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा।

शहर के पूर्वी क्षेत्र स्थित गजानन मंदिर पालीवाल नगर में कोरोना के चलते पिछले दो वर्ष से प्रकट दिवस पर मंदिर परिसर में ही पालकी यात्रा निकाली गई थी, लेकिन इस बार नगर भ्रमण किया गया। फूलों से सजी पालकी में महाराज की पादुका, प्रतिमा और चित्र को विराजित किया गया। अनुयायी पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए। मार्ग में कई जगह स्वागत किया गया। अध्यक्ष अरुण कुमार खन्नाा ने बताया कि यात्रा साकेत नगर, आनंद बाजार, श्रीनगर व चंद्रलोक कालोनी होते हुए पुन: मंदिर पहुंची। इससे पहले सुबह काकड़ आरती के बाद प्रभातफेरी निकाली गई। इसके बाद श्रीजी की महापूजा, पाद्य पूजा, श्रीसूक्ताभिषेक कर भोग अर्पित किया गया।

प्रतिमा का फूलों से श्रृंगार – आध्यात्मिक साधना मंडल द्वारा राम मंदिर राजेंद्र नगर में गजानन महाराज की प्रतिमा का फूलों से श्रृंगार किया गया। भक्तों ने गजानन विजय ग्रंथ का चक्रीय पारायण किया। दोपहर 12 बजे महाआरती कर मोदक और झुनका-भाकर का भोग लगाया। शाम को पुणे की प्रसिद्ध ओंकार भजनी मंडल ने प्रस्तुति। पलसीकर कालोनी स्थित दत्त माउली सद्गुरु अण्णा महाराज संस्थान में भक्तों ने गजानन विजय ग्रंथ का सामूहिक पारायण किया। संस्था के शरद जपे ने बताया कि दोपहर 12 बजे आरती हुई।

संतों के जीवन से प्रेरणा लें – अण्णा महाराज ने कहा कि संतों के जीवन से प्रेरणा लेना चाहिए। सादगीपूर्ण जीवनयापन करना चाहिए। इस मौके पर गौरव रणदिवे, आकाश विजयवर्गीय, जीतू पटवारी, जयपालसिंह चावड़ा, मधु वर्मा आदि मौजूद थे। सुखलिया मराठी मंडल द्वारा गजानन संस्कार केंद्र लव-कुश आवास विहार सुखलिया में श्रीजी की आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here