हिंदुस्तान में कानून का राज है कोई जंगलराज नहीं। पुलिस की मनमानी से भड़के व्यापारियों ने डीसीपी धर्मेंदसिंह भदौरिया से यह बात कही। सेंट्रल कोतवाली क्षेत्र के पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर व्यापारियों ने धमकाने और मनमानी करने का आरोप लगाया है।
शुक्रवार दोपहर सियागंज क्षेत्र के व्यापारी इकट्ठे होकर डीसीपी से मिलने पहुंचे। कोतवाली के पुलिसकर्मियों और जिम्मेदार पर कार्रवाई की मांग भी व्यापारियों ने रखी।
सेंट्रल कोतवाली क्षेत्र में शहर के कई प्रमुख थोक बाजार और कारोबारी क्षेत्र आते हैं। कोतवाली के पुलिसकर्मियों पर आरोप लग रहे हैं कि वे क्षेत्र की दुकानों पर जाते हैं और दुकानदार को थाने आने का कहते। बिना नोटिस या कारण बताए बुलाने से घबराए व्यापारी थाने पर पहुंचते हैं तो उन्हें बैठा लिया जाता है। गुरुवार को हुई ऐसी ही एक घटना के बाद व्यापारी भड़क गए। व्यापारियों के अनुसार सियागंज के जश एंटरप्राइजेस नामक प्रतिष्ठान पर दो पुलिसकर्मी पहुंचे। दुकान पर बैठे पीयूष और गौरव नामक कर्मचारियों से कहा कि तुम मिलावट करते हो। गोदाम की जांच करनी है। साहब का आदेश बताकर गोदाम दिखाने के लिए कहा। बाद में उन कर्मचारियों को अपने साथ कोतवाली ले गए और वहीं बैठा लिया।
सियागंज होलसेल किराना मर्चेंट एसोसिएशन और अहिल्या चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल की अगुवाई में व्यापारी डीसीपी के पास पहुंचे थे। खंडेलवाल ने डीसीपी से कहा कि दुकान के कर्मचारियों को छुड़ाने के लिए हमने सीएसपी हरीश मोटवानी से संपर्क किया लेकिन वे नहीं मिले। टीआइ दिलीप पाटीदार से बात करने की कोशिश की तो वे भी नहीं मिले। खंडेलवाल ने कहा कि पुलिस को अधिकार नहीं है कि मिलावट या ऐसे किसी कारण से सीधे किसी के यहां जांच करने पहुंच जाए। खंडेलवाल ने कहा कि हिंदुस्तान में कानून है, फ़ूड एक्ट है। अगर जांच करनी होती तो खाद्य अधिकारी जाते हैं और अधिकारी की अनुमति लेकर। पुलिस सिर्फ सुरक्षा के लिए जाती है। यहां जंगलराज नहीं है।
दोषी पुलिसवालों पर कार्रवाई की मांग – व्यापारियों ने कहा कि हम खुद मिलावटखोरों पर रासुका का समर्थन करते हुए प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं। पुलिस यूं तो छोटी छोटी बातों में एसोसिएशन का सहयोग मांगती है। यदि किसी व्यापारी के खिलाफ शिकायत है तो एसोसिएशन से संपर्क करती और नियमानुसार कार्रवाई करती। व्यापारियों ने मनमानी बंद करने की मांग करते हुए दोषी पुलिसवालों पर कार्रवाई की मांग की। डीसीपी भदौरिया ने व्यापारियों से कहा कि मामले में जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
रानीपुरा के व्यापारी भी परेशान – रानीपुरा के कारोबारी भी क्षेत्र के पुलिसकर्मियों के व्यवहार से परेशान हैं। शुक्रवार दोपहर क्षेत्र के कुछ व्यापारी भी कोतवाली पहुंचे थे, लेकिन सीएसपी नहीं मिले। उनकी दुकानों पर दो-तीन दिनों से पुलिसकर्मी पहुंचकर बिना कारण बताए साहब से मिलने की बात कहते हैं। इससे पहले नकली कास्मेटिक बेचने की बात कहकर ऐसे ही कुछ व्यापारियों से पुलिस वाले वसूली कर चुके हैं।