यूक्रेन में फंसे छात्रों को सरकार निकालने की कोशिश कर रही है। इस बीच, यहां कुछ छात्र ऐसे भी हैं, जो पिछले दो दिन से वतन वापसी की कोशिश कर रहे हैं। सफलता मिली, तो अधूरी। टरनोपिल (यूक्रेन) में MP के भी 20 छात्र ऐसे हैं, जो रात 2 बजे पैदल पोलैंड के लिए निकले। 10 घंटे तक 50 किमी का पैदल सफर किया। छात्रों का कहना है कि जैसे-तैसे वे पोलैंड बॉर्डर पर पहुंचे। यहां बताया कि उन्हें इंडियन एंबेसी से अधिकारी का नंबर मिला, वो भी बंद है। अब उनकी समस्या है कि वह पोलैंड में एंटर कैसे करेंगे और भारत तक कैसे पहुचेंगे।
उज्जैन की रहने वाली अनुष्का यादव के साथ कुछ और स्टूडेंट्स माइनस 4 डिग्री की ठंड में फंसे हैं। 50 किमी लंबा सफर पैदल तय करने के बाद पोलैंड के अधिकारी कह रहे हैं कि भारतीय दूतावास से बात करने के बाद ही पोलैंड में एंट्री दी जाएगी। अब भारतीय छात्रों के साथ समस्या है कि अगर पोलैंड में प्रवेश नहीं दिया, तो छात्रों के खाने-पीने का इंतजाम कहां से होगा। उन्हें भारत तक कैसे लाया जाएगा।
सड़कों पर लगा जाम
अनुष्का ने बताया कि देर रात 2 बजे निकले, तभी से पैदल चल रहे हैं। 50 किमी का सफर तय किया है। अन्य राज्यों के भी कुछ छात्र साथ हैं। सिर्फ एक-एक पानी की बोतल और कुछ खाना साथ में था। जंगल जैसे इलाकों से निकल रहे हैं। डर का माहौल है। सड़कों पर कारों की लंबी लाइन लगी है। कई लोग देश छोड़कर जा रहे हैं, उनकी गाड़ियां भी जाम में फंसी है। उज्जैन के करीब सभी लोग निकल गए हैं। सिर्फ एक लड़के को छोड़कर वो भी शाम तक निकलेगा।
बस वाले ने 50 किमी दूर छोड़ा
गुजरात के अतीत पटेल ने बताया कि सड़कों पर लंबा जाम लगा है। रात में एक बस वाले ने पोलैंड सीमा से 50 किमी दूर छोड़ दिया था। उससे काफी मिन्नतें की, लेकिन वह आगे तक गाड़ी ले जाने के लिए तैयार नहीं था। इसके बाद वह पैदल चले। खाना भी खत्म हो चुका है, सिर्फ पानी की बोतल बची है। अब हमें ये भी नहीं पता है कि पोलैंड में हमें अंदर जाने देंगे या नहीं।