महाशिवरात्रि पर्व पर रिकॉर्ड श्रद्धालु, दान सबसे कम – श्रद्धालु 4 लाख से अधिक, शीघ्र दर्शन और लड्डू प्रसादी से मात्र 17 लाख आय

उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व को मनाने के लिए देशभर से लोग आते हैं। इस बार भी श्रद्धालुओं की संख्या ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। बावजूद इसके मंदिर समिति को शीघ्र दर्शन टिकट से न्यूनतम आय हुई है हालांकि लड्डू प्रसाद विक्रय से जरूर 15 लाख से अधिक आय हुई है लेकिन मंदिर समिति लड्डू प्रसादी बिना प्रॉफिट के बेचती है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में वैसे तो साल भर ही श्रद्धालुओं की भीड़ दर्शन के लिए रहती है। इस बार कोरोना संक्रमण के सारे प्रतिबंध समाप्त होने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या महाशिवरात्रि पर्व पर अधिक हो गई थी। प्रशासन की मानें तो इस बार श्रद्धालुओं का आंकड़ा साढ़े चार लाख पर पहुंच गया था। मंदिर समिति विशेष पर्व त्यौहार पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए लड्डू प्रसाद की व्यवस्था पहले से ही करती है। इस बार भी मंदिर समिति के लड्डू प्रसाद इकाई द्वारा महाशिवरात्रि की भीड़ को देखते हुए करीब 100 क्विंटल लड्डू प्रसाद तैयार कराया था। महाशिवरात्रि पर्व पर इसके लिए अलग-अलग जगह पर विक्रय के लिए मंदिर समिति ने स्टाल भी लगाए गए थे।

1 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व के दौरान मंदिर समिति के स्टालों के माध्यम से 1 दिन में 15 लाख 85 हजार रूपए का लड्डू प्रसाद विक्रय हुआ है। इसी तरह विशेष पर्व त्यौहार के दौरान शीघ्र दर्शन टिकट के काउंटर भी मंदिर समिति द्वारा लगाए जाते हैं। इस बार महाशिवरात्रि पर शीघ्र दर्शन टिकट काउंटर से करीब 2 लाख 750 रुपए की आय मंदिर समिति को एक दिन में हुई है। कुल आय 17 लाख 85 हजार 750 रूपए बताए गए है। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार महाशिवरात्रि पर्व के दौरान दर्शन के लिए आए लाखों श्रद्धालुओं के बावजूद इस बार सबसे कम आय रही है।

व्यवस्था अच्छी होने से शीघ्र दर्शन टिकट नहीं बिके

श्री महाकालेश्वर मंदिर में इस बार महाशिवरात्रि पर्व पर उम्मीद थी कि शीघ्र दर्शन टिकट लेकर दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रहेगी, लेकिन मंदिर प्रशासन द्वारा लगाए गए शीघ्र दर्शन टिकट काउंटर पर कम संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि इस बार महाशिवरात्रि पर जिला प्रशासन व मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए जो दर्शन व्यवस्था तय की थी वह सहज होने के साथ ही कम समय में दर्शन कराने वाली साबित हुई। यही कारण है कि सामान्य श्रद्धालुओं की पंक्ति चारधाम मंदिर के समीप से लगने के बावजूद श्रद्धालुओं ने चलायमान दर्शन व्यवस्था में अधिकतम 40 मिनट में दर्शन कर निर्गम गेट से बाहर हो गए। ऐसी व्यवस्था के कारण शीघ्र दर्शन टिकट लेने वालों ने भी टिकट नहीं लेते हुए सामान्य दर्शनार्थी के रूप में उसी समय में दर्शन किए।

नव वर्ष पर रिकॉर्ड आय हुई थी

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