जोर-शोर से करीब दो साल पहले सरकार ने इंदौर में दो नए औद्योगिक क्षेत्रों के विकास की घोषणा की थी। फर्निचर क्लस्टर और टॉय क्लस्टर के रूप में घोषित किए गए ये दोनों नए औद्योगिक क्षेत्र अब तक जमीन पर नहीं उतर सके हैं।
औद्योगिक क्षेत्रों में निर्माण इकाइयां शुरू होना तो दूर अब तक भूखंडों का आवंटन तक शुरू नहीं हो सका है, जबकि भूमि का विकास से लेकर फैक्ट्रियों के निर्माण की जिम्मेदारी भी सरकारी एजेंसियों के बजाय उद्योगपतियों पर ही डाल दी गई है। मेक इन इंडिया की दिशा में अहम कदम बताकर घोषित इन औद्योगिक क्षेत्रों का खांका अब तक कागजों से बाहर नहीं निकला है। परेशान उद्योगपति शनिवार को प्रदेश के एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा से इस सीधे-सवाल जवाब करेंगे।
धार रोड पर छोटा बेटमा पर 400 एकड़ से ज्यादा जमीन पर फर्निचर क्लस्टर बनाने की योजना है। इसी तरह रंगवासा में महज सवा लाख वर्गफीट जमीन ही खिलौना क्लस्टर के लिए दी गई है। सरकार ने कागज पर तो जमीन दोनों औद्योगिक क्षेत्रों के नाम कर दी लेकिन अब तक किसी भी उद्योगपति को वहां जमीन नहीं मिली। फर्निचर क्लस्टर में 150 उद्योग संचालक और खिलौना क्लस्टर में 20 उद्योग वाले जमीन पाने के लिए कतार में लगे इंतजार कर रहे हैं। दरअसल इन औद्योगिक क्षेत्रों का विकास करने के लिए खुद उद्योगपतियों को ही एक समूह (एसपीव्ही) बनाकर औद्योगिक क्षेत्र में आधारभूत ढांचा खड़ा करना है।
सरकार की घोषणा पर भरोसा कर उद्योगपतियों ने एसपीव्ही बना ली। उद्योगपतियों ने पैसा भी इकट्ठा कर लिया, लेकिन जमीन आवंटित नहीं हो रही तो विकास हो कैसे। फर्निचर क्लस्टर के संयोजक हरीश नागर के अनुसार हमारे यहां एसपीव्ही ने करीब सवा करोड़ रुपये न केवल एकत्र किए बल्कि सरकारी एजेंसियों के पास जमा भी करवा दिए।अब जमीन आवंटन में वन विभाग की बाधा बताई जा रही है। पैसा देकर भूखंड के लिए इंतजार कर रहे उद्यमी हमसे जवाब मांग रहे हैं। असल स्थिति क्या है ये सरकार ही बता सकती है। इसी तरह खिलौना क्लस्टर को दी जाने वाली जमीन भी आइटी इंडस्ट्री के नाम से पूर्व में आरक्षित बताई जा रही है। इस जमीन पर भी स्थिति साफ नहीं होने से कई उद्यमियों को अपनी उद्योग की योजना ही टालना पड़ रही है।
एसोसिएशन ने चर्चा के लिए बुलाया
एसोसिएशन आफ फर्निचर मैन्यूफैचर्स और एसोसिएशन आफ टॉय मैन्युफैक्चर्स ने शनिवार को एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, सांसद शंकर लालवानी व अन्य जनप्रतिनिधियों से सीधी बात करने के लिए सभी उद्यमियों को बुलाया है। दोपहर 12 बजे अक्षत गार्डन में दोनों नए औद्योगिक क्षेत्रों के विकास को लेकर मंत्री से सवाल पूछ सकेंगे।