महाकाल मंदिर के समीप पुरातत्व विभाग द्वारा की जा रही खोदाई में प्राचीन इतिहास के नित नए रहस्य उद्घाटित हो रहे हैं।
करीब 10 माह पहले इस स्थान पर भूगर्भ से एक हजार साल पुराना शिव मंदिर मिला था। अब इस मंदिर के पास खोदाई में एक और प्राचीन दीवार निकली है। संभावना जताई जा रही है कि शिव मंदिर के पास एक और मंदिर रहा होगा, यह दीवार उसी की है। इधर, शोध अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
शोध अधिकारी डा. धुुरवेंद्र ने बताया कि नई दीवार पूर्व में निकले शिव मंदिर के तीन से चार फीट दूरी पर है। संभव है कि यह शिव मंदिर के अन्य भाग का हिस्सा हो, हालांकि निर्माण शैली व कलाकृतियों में थोड़ा अंतर नजर आ रहा है।
इसे देखकर अन्य मंदिर होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। एक सप्ताह का समय लगेगा शोध अधिकारी के अनुसार आगे की खोदाई में करीब एक सप्ताह का समय लगेगा। इसके बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट होगी।
बता दें कि प्रबंध समिति द्वारा मंदिर के अग्रभाग में विस्तारीकरण कराया जा रहा है। समिति यहां अत्याधुनिक वेटिंग हाल का निर्माण करने जा रही है। निर्माण एजेंसी उज्जैन विकास प्राधिकरण को बनाया गया है। पुरा अवशेषों का मेजरमेंट जारी बीते एक वर्ष से चल रही खोदाई में अब तक मुख्य आधार स्तंभ, छत और शिखर के भाग तथा मूर्तियां प्राप्त हो चुकी हैं।
पुरातत्व विभाग ने पुरासंपदा को खोदाई स्थल पर संरक्षित किया है। अब इसका नाप-जोख किया जा रहा है। बताया जाता है प्रबंध समिति पुरातत्व विभाग के सहयोग से प्राप्त अवशेषों से शोध मंदिर का निर्माण कराने की तैयारी कर रही है।