उज्जैन। 15 वर्षों के बाद मध्य प्रदेश की जनता ने सरकार बदलने का निर्णय लेकर कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी को प्रदेश की बागडौर सौंपी थी, परन्तु बीजेपी ने धनबल और खरीद-फरोख्त की राजनीति करते हुए जनता की चुनी हुई सरकार को गिराकर जनादेश, लोकतंत्र और संविधान का अपमान किया है। कमलनाथ ने जोड़तोड़, सौदेबाजी और अनैतिक दलबदल जैसे कृत्यों से खुद को दूर रखकर भारतीय लोकतंत्र और डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा बनाये संविधान को जो सम्मान दिया है, उससे हर एक भारतीय खुद को गौरवान्वित महसूस करता है। विधायक खरीदकर सरकार बनाने के बीजेपी के इस अलोकतांत्रिक और कालेकाल में कमलनाथ ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए सत्ता का त्याग किया और हर एक भारतवासी को लोकतंत्र के मूल्यों की सही तस्वीर दिखाई है।
जिला कांग्रेस ने लोकतंत्र सम्मान दिवस मनाने का ऐलान करते हुए बताया कि कमलनाथ द्वारा खरीद-फरोख्त की राजनीति को ठुकराते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की तारीख 20 मार्च को हम लोकतंत्र सम्मान दिवस के रूप में मनाएंगे। इस दिन जिला मुख्यालय में तिरंगा यात्रा का आयोजन, संविधान की प्रस्तावना का वाचन एवं वितरण, गांधी एवं अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण और सभी कांग्रेस कार्यालयों में कमलनाथ के वीडियो सन्देश का प्रदर्शन व प्रसारण किया जाएगा।
जब बीजेपी तमाम नैतिक मूल्यों और आदर्शों को कुचलकर सत्ता हासिल करने के लिए प्रजातन्त्र को धनतंत्र से कुचल रही थी, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने लोकतांत्रिक मूल्यों, आदर्शवादी सिद्धांतो और नैतिकता के उच्च मापदंडो को मानते हुए 20 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री के पद से त्यागपत्र दे दिया। कमलनाथ जी ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और जनता से किये अपने वादों को कांग्रेस सरकार का प्राथमिक संविधान मानते हुए किसान कर्जमाफी, गौशाला निर्माण, सस्ती बिजली, शुद्ध के लिए युद्ध, माफिया से मुक्ति, ओबीसी आरक्षण में बढ़ोत्तरी, सामान्य को आरक्षण, वृद्ध एवं दिव्यांग पेंशन में बढ़ोत्तरी, कन्या विवाह सहायता में बढ़ोत्तरी, राम वन गमन पथ का निर्माण, ओम सर्किट निर्माण, महाकाल एवं ओमकारेश्वर मंदिर परिसर का विस्तार एवं विकास, सीता माता मंदिर निर्माण, महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी, मेट्रो रेल परियोजना, रोजगार में प्रदेश के युवाओं को 70 प्रतिशत आरक्षण, महिला अपराधों में कमी, मग्निफिशेंट मध्यप्रदेश जैसे अनेकों कार्य की शुरुआत कर प्रदेश की जनता को 15 वर्षों के बाद पहली बार विकास की सही पहचान बताई। कमलनाथ सरकार द्वारा एक वर्ष में किये गए कार्य और जनहित के निर्णयों ने शिवराज सरकार के 15 वर्षों के झूठ और भ्रम के शासन की पोल खोलकर रख दी। प्रदेश में शुरू हुए विकास के नए कीर्तिमानों ने बीजेपी की ध्यान भटकाव की राजनीति के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा कर दिया। बीजेपी नेताओं को समझ आने लगा कि कमलनाथ सरकार यदि 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा करती है और उसके द्वारा शुरू किये कार्य पूर्ण होते हैं तो बीजेपी की भविष्य में वापसी की सभी संभावनाएं समाप्त हो जायेगी। मध्यप्रदेश के चहुमुखी विकास से तिलमिलाई बीजेपी ने लोकतंत्र का गला घोटकर अलोकतांत्रिक और संविधान विरोधी सरकार का गठन किया।