उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में देशभर से आने वाले श्रद्धालु तांता लगा हुआ है। इसका फायदा मंदिर के बाहर घूमने वाले असामाजिक तत्व उठा रहे है । भगवान महाकाल की भस्म आरती के नाम पर एक बार फिर श्रद्धालुओं को ठगने का मामला सामने आया है। जिस व्यक्ति ने श्रद्धालुओं से रुपए लिए उसने अपने आप को मंदिर से जुड़ा पुरोहित बताया और 3100 रुपए की चपत लगाकर रफूचक्कर हो गया।
पुजारी बताकर मुम्बई के श्रद्धालु को ठगा
श्री महाकालेश्वर मंदिर में इन दिनों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। हालत यह है कि मंदिर में अल सुबह होने वाली भस्म आरती के नाम पर श्रद्धालुओं को ठगा जा रहा है। सोमवार को अपने आप को मंदिर से जुड़ा पुजारी-पुरोहित बता कर श्रद्धालुओं को ठगने का ऐसा ही एक मामला सामने आया। मुंबई से आए श्रद्धालु विनोद ने बताया कि रविवार को उनसे रोहित नामक एक व्यक्ति मिला। जिसने अपने आप को मंदिर से जुड़ा पुजारी बताया और तीन सदस्यों की भस्म आरती अनुमति कराने के नाम पर 3100 रूपए ले लिए। बाद में रात 3 बजे से श्रद्धालु संबंधित व्यक्ति को फोन लगाकर ढूंढ रहे थे। लगातार फोन लगाने के बाद जब एक बार रोहित नामक व्यक्ति ने फोन उठाया तो उसने दो अन्य नंबर देकर बात करने को कहा। श्रद्धालु ने जब फिर रोहित से मंदिर में जाने की जानकारी मांगी तो उसने बताया कि 4 नंबर गेट से अंदर चले जाओं।
श्रद्धालुओं को दर्शन की रसीद थमा दी
श्रद्धालु जब मंदिर में पहुंचे तो पता चला कि जो रसीद दी है वें भस्म आरती की नहीं है। एक बार फिर श्रद्धालु ने रोहित से फोन पर पूछा तो उसने बताया कि मंदिर में मोस्ट वीआईपी आने के कारण भस्म आरती अनुमति नहीं बन पाई है।
राशि मांगी तो फिर उलझाने लगा
जब श्रद्धालुओं ने दी गई राशि मांगी तो रोहित ने कहा उसकी दक्षिणा की राशि भी अभी लेना बाकी है। रोहित ने श्रद्धालुओं को कहा कि वें 15०० रुपए की रसीद कटवा कर जल चढ़ा दे और दक्षिणा बाद में दे दें। ऐसे में श्रद्धालु एक बार फिर ठगाने का एहसास होने के बाद उन्होंने मंदिर के मूल पुजारी-पुरोहितों से चर्चा की तो पूरा मामला खुलकर सामने आ गया। हालांकि श्रद्धालुओंं की मदद करने के लिए पुजारी और पुरोहितों ने भी श्रद्धालुओं को दिए गए नंबर पर फोन लगाकर संबंधित व्यक्ति की अच्छी खासी लू उतार दी। मामले में श्रद्धालुओं ने बताया कि वह मुंबई से दर्शन के लिए आए थे। रोहित का नंबर उन्हे उनके दोस्तों ने दिया था। जो पहले यहां दर्शन को आए थे। रोहित ने ही उनकी भस्म आरती अनुमति रूपए लेकर बनवाई थी। श्रद्धालुओं ने कहा कि वे इसकी लिखित शिकायत भी मंदिर प्रशासक को दे रहे हैं।
बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़, इसका फायदा उठा रहे है असमाजिक तत्व
कोरोना प्रतिबंध समाप्त होने के बाद बाहर से आने वाले भगवान महाकाल के भक्तों के साथ भस्म आरती के दर्शन कराने के नाम पर बाहरी लोग एक बार फिर ठगी करने लगे है। बाहर के लोगों द्वारा की जा रही इस हरकत के कारण मंदिर के पुजारी पुरोहित बदनाम हो रहे हैं, मंदिर प्रशासन को चाहिये की श्रद्धालुओं को ठगने वाले ऐसे व्यक्तियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्यवाही करें।