उज्जैन में मंगलवार मस्ती,धूम,श्रद्धा और कला प्रदर्शन के नाम रहा। दिनभर रंगपंचमी मनाने के बाद शाम को शहर में विभिन्न स्थानों से 18 गेर निकली। सबसे बड़ी गेर महाकाल की निकली,जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने शामिल होकर अपनी कला का प्रदर्शन किया।
कोरोना के कारण दो साल से रंगपंचमी पर प्रतिबंध और गेर नहीं निकालने का मलाल मंगलवार को खत्म हो गया। सुबह से दोपहर तक शहर में दर्जनों स्थानों पर जमकर रंगपंचमी मनाने के बाद शाम को गेर की धूम रही। पूरे शहर में करीब 18 जगह से विभिन्न समाज व संगठनों ने गेर निकाली। गेर में कलाकार लाठी व शस्त्र घुमाकर अपनी कला का प्रदर्शन करते दिखे। सबसे प्रमुख गेर बाबा महाकाल की निकली। रात करीब 7 बजे महाकाल मंदिर से महाकाल बाबा के मुखोटे के साथ शुरू हुई गेर,पुराने शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए रात 10.30 बजे मंदिर पहुंची। गेर में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। इस दौरान कई अपनी कला का प्रदर्शन कर चल रहे थे। गेर देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और फूल बरसा कर स्वागत करते दिखे। आयोजन को देख पुलिस ने पूरे मार्ग पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रखे थे।
सात गेर निकली
टीआई मुनेंद्र गौतम ने बताया कि महाकाल मंदिर के अतिरिक्त सिंहपूरी, भागसीपूरा, कहारवाड़ी,जयसिंह पूरा,चौबीस खंबा क्षेत्र से विभिन्न समाज व संगठनों की 7 गैर निकली। वहीं जीवाजीगंज क्षेत्र से दो और अन्य जगहों से भी 9 गेर निकली है।