दिवंगत माता पिता का श्रद्धा पर्व भारतीय संस्कृति पहचान ! पंडित चतुर्वेदी मनुष्य जीवन में माता-पिता का ऋण पुत्र का कर्तव्य-

प्रधान संपादक दीपक सिंह पवार की रिपोर्ट-


अखिलेश महाराज उज्जैन संपूर्ण विश्व में एकमात्र भारतीय सभ्यता व संस्कार ही है जो अपने पूर्वजों माता पिता तथा परिजनों के दिवंगत होने के पश्चात उनके संस्कारों के प्रति हमें प्रेरित करते हैं यही सनातन भारतीय सभ्यता है उपरोक्त उद्गार अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी ने गुलमोहर कॉलोनी स्थित नानाखेड़ा उज्जैन पर शर्मा परिवार द्वारा अपने माता पिता की स्मृति में आयोजित श्रद्धा पर्व पर उपस्थित परिजनों के एवं समाज जनों के बीच व्यक्त किए पंडित चंद्रशेखर शर्मा एवं शर्मा परिवार द्वारा आयोजित अपने माता-पिता के स्मृति में श्रद्धा पर्व पर उपस्थित परिवार एवं समाज जनों को संबोधित करते हुए पंडित संत श्री अखिलेश महाराज ने कहा कि मनुष्य के जीवन में देव पितरों ऋषि अतिथि एवं अभ्यागत दरिद् नारायण ऋण में सबसे महत्वपूर्ण पितृ ऋण है प्रत्येक मनुष्य को उपरोक्त 5ऋणों को अपने जीवन में उतारने का प्रयास समर्पण व कर्तव्य के साथ करना चाहिए इस अवसर पर संत श्री गगन बापू महाराज प्रसिद्ध डॉक्टर आरके नागर तथा सनाढ्य ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष शिव नारायण शर्मा ने भी संबोधित किया इस अवसर पर ब्राह्मण समाज के सर्वश्री शिवचरण शर्मा पंडित राजेंद्र गुरु शर्मा , प्रकाश शर्मा श्रीमती वर्षा जोशी श्रीमती अंजना शुक्ला श्रीमती प्रवीणा बधेका , कल्पना तिवारी, देवांश शर्मा, तथा शर्मा परिवार के अनेक समाज जन उपस्थित थे*

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles