इंदौर में सब्जी बेचने वाले की बेटी सिविल जज बन गई है। बुधवार को 25 साल की अंकिता नागर ने ये खुशखबरी सबसे पहले अपनी मां को दी। मां ठेले पर सब्जी बेच रही थीं। अंकिता रिजल्ट का प्रिंटआउट लेकर मां के पास पहुंची और बोली- मम्मी मैं जज बन गई। अंकिता ने बताया कि रिजल्ट एक हफ्ते पहले ही जारी हो गया था, लेकिन परिवार में मौत हो जाने के कारण सभी इंदौर से बाहर थे। घर में गम का माहौल था। इसलिए किसी को इस बारे में बता नहीं पाई।
अंकिता नागर ने सिविल जज एग्जाम में अपने SC कोटे में 5वां स्थान हासिल किया है। उन्होंने बताया कि परिवार में सभी सदस्य सब्जी बेचने का काम करते हैं। पापा सुबह 5 बजे उठकर मंडी चले जाते हैं। मम्मी सुबह 8 बजे सभी के लिए खाना बनाकर पापा के सब्जी के ठेले पर चली जाती हैं, फिर दोनों सब्जी बेचते हैं। बड़ा भाई आकाश रेत मंडी में मजदूरी करता है। छोटी बहन की शादी हो चुकी है।
छोटे कमरे में रोज 8 घंटे की पढ़ाई
अंकिता ने दैनिक भास्कर को बताया कि वो रोजाना 8 घंटे पढ़ाई को देती थीं। शाम को जब ठेले पर अधिक भीड़ हो जाती तो सब्जी बेचने चली जाती थीं। रात 10 बजे दुकान बंद कर घर आ जाते थे। फिर रात 11 बजे से पढ़ाई करने बैठ जातीं।
सबसे पहले मम्मी को दी खुशखबरी
अंकिता ने बताया, मैं तीन साल से सिविल जज की तैयारी कर रही हूं। 2017 में इंदौर के वैष्णव कॉलेज से LLB किया। इसके बाद 2021 में LLM की परीक्षा पास की। पिता उधार लेकर कॉलेज की फीस भरते थे। कॉलेज के बाद लगातार सिविल जज की तैयारी में जुटी रही। दो बार सिलेक्शन नहीं होने के बाद भी माता-पिता हौसला दिलाते रहे। यही कारण है कि आज जैसे ही रिजल्ट मेरे हाथ लगा तो सबसे पहले खुशखबरी ठेले पर जाकर मम्मी को दी।