हमीदिया अस्पताल में भर्ती मरीजों को 20 दिन से इल्ली वाले आटे की रोटी खिलाने का मामला उजागर होने के बाद से ही अस्पताल प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों में अफरा-तफरी का माहौल है। हालांकि, जिम्मेदार दोषियों पर कार्रवाई करने के बजाय मामले को रफा-दफा करने में जुटे हैं। मामले की और पड़ताल करने पर चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।
दरअसल, हमीदिया अस्पताल की रसोई में खाद्य सामग्री की सप्लाई पिछले करीब 20 साल से एक ही फर्म द्वारा की जा रही है। कहने को तो हर साल सप्लाई की टेंडर प्रक्रिया होती है, लेकिन आश्चर्य है कि हर बार हिमांशु भारद्वाज की फर्म को ही टेंडर मिलता है।
पिछले साल अक्टूबर में यह टेंडर किया गया था, जो चालू वर्ष में अक्टूबर तक की अवधि के लिए है। बताया जा रहा है कि भारद्वाज की ओर से हर बार तीन-चार फर्मों के टेंडर वे खुद ही डालते हैं और इन्हीं में से एक फर्म को टेंडर मिल जाता है। वर्तमान में जो सप्लाई की गई है, वह अपेक्स ट्रेडिंग के नाम की फर्म के माध्यम से हुई है। भारद्वाज ने इसके पहले दूसरे नामों की फर्मों के जरिए भी यहां सप्लाई की हुई है।
कर्मचारी खुद बता दें खबर किसने लीक की
मामला उजागर होने के बाद अस्पताल की रसोई में काम करने वाले कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है। उनसे पूछा जा रहा है कि आखिर ये मामला मीडिया तक कैसे पहुंचा? यही नहीं, कर्मचारियों को अल्टीमेटम दिया गया है कि वे खुद ही बता दें कि खबर किसने लीक की?
अगर कर्मचारियों ने यह नहीं बताया तो सभी कर्मचारियों के मोबाइल का रिकॉर्ड खंगालकर इसका पता लगाया जाएगा। हमीदिया अस्पताल के सूत्रों की मानें तो पहले अस्पताल अधीक्षक डॉ. दीपक मरावी रसोई पहुंचे। उन्होंने कर्मचारियों को खूब फटकार लगाई व यह पता करने के लिए भी दबाव बनाया कि रसोई के अंदर की जानकारी बाहर कैसे पहुंची।
हमीदिया अस्पताल की ओर से नोटिस मिला है। हम इसका जवाब देंगे। इस संबंध में हम और कुछ नहीं कह सकते। आपको जो कुछ भी जानना है तो हमीदिया अस्पताल वालों से ही बात कीजिए। -हिमांशु भारद्वाज, ऑनर, सप्लायर फर्म अपेक्स ट्रेडिंग
रसोई के लिए खाद्य सामग्री की सप्लाई के लिए फर्म का चयन टेंडर प्रक्रिया से ही होता है। फर्म को आटा वापस कर दिया गया है। नोटिस भी जारी किया गया है। -डॉ. अजय जैन, प्रवक्ता हमीदिया अस्पताल