मोहन बैरागी मिस्र (इजिप्ट) में करेंगे कविता पाठ मिलेगा राहुल सांकृत्यायन स्मृति सम्मान 19 वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में देंगे व्याख्यान


उज्जैन। दक्षिण पश्चिम एशिया व उत्तरी अफ्रिका से मिलकर बने अंतरमहाद्वीपीय प्राचीनतम सभ्यता के साथ नील नदी की घाटी पर बसे देश मिस्र में 7 जुन 2022 से 18 जुन 2022 तक आयोजित हो रहे ग्यारह दिवसीय 19 वेें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में उज्जैन के पत्रकार, लेखक व कवि डॉ. मोहन बैरागी को कविता के क्षेत्र में महाकवि राहुल सांकृत्यायन स्मृति सम्मान मिलेगा तथा वे अपनी कविताओं का पाठ करेंगे व हिंदी कविता पर व्याख्यान देंगे। प्रो. बी. एल. मालवीय ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत से इस यात्रा के मुख्य समन्वयक ख्यात साहित्यकार व आलोचक, पत्रकार डॉ. जयप्रकाश मानस, रायपुर होंगे। डॉ. मानस के अनुसार मिस्र के अलग अलग स्थानों में जैसे कायरो शहर, आसवान, इजिप्ट तथा नील क्रुज़ आदि में आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय भव्य आयोजन में भारत सहित विश्व के अन्य देशों के प्रतिभागी भी हिस्सा ले रहे है। भारत से इस आयोजन में लगभग 55 विद्वानों का दल मिस्र के लिए मुंबई से रवाना होगा, जिनमें लेखक, कवि, साहित्यकार व अध्येतागण शामिल होंगे। विश्व स्तरीय इस गरिमापूर्ण आयोजन हेतु उज्जैन से डॉ. मोहन बैरागी का चयन किया गया है। अलग अलग दिनों व सत्रों में संपन्न होने वाले इस आयोजन में डॉ. बैरागी का चयन कवि सम्मेलन में हिंदी कविता पाठ तथा व्याख्यान सत्र में कविता के शिल्प तथा भाव पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत करने हेतु चयन किया गया है। इस अवसर पर डॉ. मोहन बैरागी द्वारा संपादित शोध पत्रिका के नवीन अंक का लोकार्पण भी होगा। पूर्व में डॉ. मोहन बैरागी को इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आर्गनाईज्ड रिसर्च द्वारा अंतरराष्ट्रीय सम्मान सहित कई राष्ट्रीय सम्मान मिल चुके है, साथ ही उन्होंने कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में शोध पत्रों का वाचन किया है।  उक्त जानकारी देते हुए प्रोफेसर डॉ. बी. एल. मालवीय ने बताया कि डॉ. मोहन बैरागी इससे पुर्व सुन ज़रा ए चितेरे तथा मन बैरागी नामक गीत संग्रह भी प्रकाशित हो चुके है तथा उनका एक कहानी संग्रह बंट्या व एक अन्य पुस्तक वैभव से वैराग्य को आतुर अनहद मन शीघ्र प्रकाशित होने वाली है। डॉ. बैरागी ने दर्जनभर से अधिक किताबों का संपादन भी किया है। अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन के अवसर पर भारतीय दल मिस्र की प्राचीन सभ्यता के साथ-साथ संस्कृति और साहित्य का भी अध्ययन अपनी यात्रा के दौरान करेगा।

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