खातेगांव में नगर परिषद के चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है। नप अध्यक्ष पद अनारक्षित महिला कोटे में गया है, यानी किसी भी वर्ग की महिला दावेदारी कर सकती है। लेकिन दावेदार को सबसे पहले पार्षद का चुनाव जीतना होगा। क्योंकि इस बार नप अध्यक्ष के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली होने हैं।
इधर, नप अध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित होने से भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के स्थानीय बड़े नेता स्वयं चुनाव लड़ने के बजाए अपनी पत्नियों या घर से किसी महिला को चुनाव लड़वाएंगे। इसलिए ऐसे वार्ड जहां से पुरुष चुनाव लड़ सकते हैं, वहां से भी महिला प्रत्याशी सामने आ सकती हैं। विशेषकर वार्ड क्रमांक 1, 5, 6, 12 व 13 में यह स्थिति देखने को मिल सकती है।
उधर, पार्षद पद के दावेदारों ने मतदाता सूची लेकर अपना आंकलन शुरू कर दिया है। यहां कई ऐसे भी उम्मीदवार हैं , जिनका निवास तो किसी अन्य वार्ड में है और दावेदारी किसी दूसरे वार्ड में। इसका एक कारण तो है वार्ड आरक्षण और दूसरा है जातिगत/व्यक्तिगत/पार्टीगत समीकरण।
कांग्रेस की ओर से कुछ वार्डों के प्रत्याशी लगभग फाइनल हैं, लेकिन भाजपा की ओर से किसी भी वार्ड के लिए प्रत्याशी को लेकर स्थिति साफ नहीं है। सभी दावेदार अपने के लिए सबसे सुरक्षित वार्ड से टिकट लेने के एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। हालांकि कुछ निर्दलीय भी पार्षद चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं, जो बीजेपी-कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए रोड़ा बन सारे समीकरण बिगाड़ सकते हैं।
छह वार्डों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा: नप के 15 वार्डों के लिए 29 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। यहां 10680 पुरुष मतदाता, 10353 महिला मतदाता, 2 अन्य सहित कुल 21035 मतदाता हैं। वार्ड 10 को छोड़कर सभी वार्डों के लिए 2-2 मतदान केंद्र रहेंगे। वार्ड 8 में सबसे ज्यादा वोटर (1724) हैं। सबसे कम वोटर (1028) वार्ड 10 में हैं। छह वार्डों (3, 5, 10, 12, 13 व 14) में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है।


