भारत सरकार के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा की गई तीनों सेनाओं के सेनापतियों के साथ अग्निपथ योजना की घोषणा की जाने के बाद मध्य भारत एरिया के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, ले. जनरल एम. के. दास ने कहा अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं में युवाओं की भर्ती हेतु परिवर्तनकारी सुधार है। जो मानव संसाधन प्रबंधन हेतु आदर्श थल सेना की मध्य कमान द्वारा इसके लिए तैयारियां की जा रही हैं।
1 सितम्बर से नई भर्ती रैली का आयोजन किया जाएगा। अग्नीपथ स्कीम की परिकल्पना जून 2020 से शुरू हुई थी। इस योजना में जल्द ही महिलाएं भी भाग ले सकेंगी। राष्ट्र निर्माण करने की चाहत को लेकर यह स्कीम को लाया गया है। जिसमें साढ़े 17 वर्ष से लेकर 21 वर्ष तक के युवा शामिल हो सकेंगे। 1 सितंबर से जबलपुर, मऊ, भोपाल, ग्वालियर, इंदौर व रायपुर में सीधी भर्ती होगी।
उन्होंने कहा कि यह सैनिको की भविष्य की लड़ाई हेतु यह उन पहलों में से एक है। जो भारतीय सेना को भविष्य में तैयार लड़ाकू बल को अनेक चुनौतियों को सामना करने हेतु सक्षम बनाती है। इस योजना के तहत भर्ती हुए जवान अग्निवीर कहलाएंगे। चयन स्थायी सेना हेतु किया जाएगा। जो संगठन को मजबूत बनाएगा। अग्निवीरो के चार वर्ष के सेवाकाल की समाप्ति के पश्चात एक बार सेवा निधि पैकेज प्रदान किया जाएगा। जो उनके भविष्य के सपनों को पूरा करने में मददगार साबित होगा।
इस योजना के तहत भर्ती हुए युवाओं को सेवाकाल प्रशिक्षण सहित चार वर्ष का होगा अग्निपथ योजना शिक्षित युवाओं को भर्ती हेतु प्रोत्साहित रहेगी।जिन्हे आकर्षक प्रोत्साहन राशि भी प्रदान करेगी। कौशल विकास में मदद करेगी। युवा भारत की युवा शक्ति पूरे देशभक्ति व जोश के साथ मातृभूमि सेवा करना चाहता है। यह भर्ती की यह परिवर्तित प्रक्रिया युवा की आकांक्षाओं को पूरा करेगा। अग्निवीरों के कार्यकाल की समाप्ति के पश्चात जब वह समाज का हिस्सा बनेंगे। तब समाज में राष्ट्र निर्माण प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करेंगे।