जल स्त्रोतों के संरक्षण को लेकर नगर पालिका अब तालाब साफ कर उसे फिर से कचरा मुक्त कराने वाली है। इसके तहत तालाब की साफ-सफाई और पानी को स्वच्छ करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट सहित कई काम कराए जाएंगे। कार्य की डीपीआर तैयार करने के लिए सर्वे शुरु हो चुका है। तालाब क्षेत्र में सैलिस कंसलटेंसी फर्म के कर्मियों ने मशीन के माध्यम से तालाब के आसपास की भूमि की भी जानकारी निकाली।
मशीन को देखकर आसपास से ईंट भट्टे वाले और अन्य लोग मौके पर पहुंचे और उन्होंने तालाब के पास की जमीन को निजी बताया। इधर तालाब के सीमांकन के लिए भी राजस्व विभाग को पत्र लिखा गया है। दरअसल रिकार्ड के अनुसार तालाब करीब साढ़े 3 हैक्टेयर में है और वर्तमान में दो-ढ़ाई हैक्टेयर में उसकी मौजूदगी दिखाई दे रही है।
3 पद्धति से होगा ट्रीटमेंट
लैंडिया तालाब में शहर के नालों का पानी सहित बरसाती पानी जमा होता है। यह तालाब राजा भोज द्वारा बनाए गए साढ़े 12 तालाबों में एक बताया जाता है। सालों पुराने इस तालाब में पहली मर्तबा साफ-सफाई की कवायद होने वाली है। वर्तमान में तालाब का पानी ‘काला पानी’ में तब्दील हो चुका है। इसके आसपास घास और झाड़ियां हो गई है। इसके अतिरिक्त तालाब में गाद की भरमार है। जीर्णोद्धार कार्य के तहत तालाब में गाद निकालने और साफ-सफाई का काम भी कराया जाएगा। तीन पद्धति से तालाब के पानी को स्वच्छ बनाने का काम किया जाएगा। हालांकि ट्रीटमेंट के बाद भी इसका उपयोग पेयजल में नहीं हो सकेगा, लेकिन एक स्वच्छ तालाब के रूप में तालाब का पानी भविष्य में अन्य उपयोगों में लिया जा सकेगा।
अमृत सरोवर योजना में होगा काम
केन्द्र सरकार की अमृत सरोवर योजना के तहत नगर पालिका तालाब को फिर से साफ करने के लिए डीपीआर तैयार करवा रही है। इसके तहत तालाब में नालों से समाहित होने वाले पानी में से प्लास्टिक और अन्य ठोस वेस्ट मटेरियल और गाद को इमलीवन क्षेत्र में ही मैकेनिकल तरीके से रोका जाएगा।