आस्था और उत्साह के साथ मनाया जन्मदिवस पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया मनुष्य की देह मिलने का महत्व

अपने पुत्र के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए, उसको नेक मार्गदर्शन देना हर पिता की जिम्मेदारी है। अपनी संतान के जीवन को संवारने की। उसको किसी भी कार्य में लगाने की। संतान को भी सोचना चाहिए कि कोई भी कार्य छोटा नहीं होता है। भगवान के नाम से कार्य की शुरूआत करना चाहिए, फिर सफलता आपको मिलेगी। पिता ही बच्चों के सही मायने में रखवाले होते हैं। बच्चों को कदम-कदम पर संभालने का काम करते हैं। पिता बच्चों का जन्मदाता और भाग्य विधाता होता है। बच्चों के पालन पोषण की उनकी जिम्मेदारी होती है। उक्त विचार जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर के विशाल परिसर में जारी सात दिवसीय श्री नारद शिव महापुराण के चौथे दिवस भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहे। अब गुरुवार की रात्रि सात बजे मंदिर परिसर में रात्रि सात बजे प्रदेश के प्रसिद्ध भजन गायक किशन भगत द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी। भजन संध्या रात्रि सात बजे से आरंभ होगी। विठलेश सेवा समिति ने सभी श्रद्धालुओं से भजन संध्या में शामिल होने की अपील की है।भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि मनुष्य की जो देह हमें मिली है वह दो कारणों से मिली है, एक तो हमारे पूर्व कर्म के भोग ग्रहण करने को और दूसरा भजन करने के लिए। तुलसीदास ने कहा कि कलयुग केवल नाम अधारा, सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा। कई लोग इसे घोर कलयुग का काल भी मानते हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम लोग ईश्वर का ही स्मरण करें। इसी संकल्प को ध्यान में रखकर ही यह आयोजन कराया है। हमें पूर्ण विश्वास है कि समाज के सहयोग से हमारा संकल्प पूर्ण होगा। हर कार्य की शुरूआत भगवान के स्मरण से होना चाहिए। हमें जो सांसे मिली है वह ईश्वर के नाम को जाप करने के लिए मिली है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles