जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के मंदिरों में सांई प्रतिमा का विरोध किया
आज सिर्फ जातिवाद है, जो राजनेताओं ने फैलाया
जब सनातनियों के पास पूजा करने के लिए 33 कोटि देवी देवता है। तो चांद मियां को पूजने की जरूरत क्या है। विश्व में सबसे ज्यादा पूज्य भगवान राम हैं। वे विश्व के पिता हैं। जो उनका नहीं, वह किसी का नहीं। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के मंदिरों में सांई प्रतिमा का विरोध किया है। शंकराचार्य जी सनातन धर्म के सर्वोच्च पद पर हैं। हमें उनकी आज्ञा मानना चाहिए।
यह बात गुरुवार को बागेश्वर धाम के कथा वाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कही। परिवार में बागेश्वर धाम की गद्दी को लेकर चल रहे विवाद में कहा कि देवेंद्र जी हमारे बड़े भाई हैं। हम लोगों में कोई मतभेद नहीं है। सिर्फ वैचारिक मतभेद था। हमें तो सिर्फ सेवा करना है। घर-घर राम जी को पहुंचाना है। हमारी किसी से कोई बुराई नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी कई जातियां थीं, लेकिन जातिवाद नहीं था। कृष्ण जी यादव थे। भगवान श्रीराम क्षत्रिय थे, लेकिन सब उन्हें पूजते हैं। वाल्मीकि, रैदास जी को पूजा जाता है। आज सिर्फ जातिवाद है, जो राजनेताओं ने फैलाया है।
जो राम का नहीं वो किसी काम का नहीं
पं. शास्त्री ने कहा कि धर्म से राजनीति चलती है, राजनीति से धर्म नहीं। जो राम का नहीं वो किसी काम का नहीं। सभी संतों को एकजुट होना पड़ेगा। ऐसा नहीं करेंगे, तो सनातन धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा।