श्री गणेश देवस्थान मंडल द्वारा कालानी बाग स्थित गणेश मंदिर पर साध्वी श्री राजरत्ना श्रीजी आदि ठाणा 14 की विशाल धर्मसभा का आयोजन किया गया। इस हेतुु सिविल लाईन स्थित श्री मुनिसुव्रत स्वामी वीरमणि जैन उपाश्रय से भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। जिसमें बड़ी संख्या में गुरू भक्तों ने उपस्थित होकर साध्वीजी की अगवानी की। श्री गणेश मंदिर में मस्तक पर कलश लेकर महिलाओं ने साध्वीजी का परिक्रमा देते हुए स्वागत किया । आयोजित विशाल धर्मसभा को उपदेशित करते हुए साध्वी जी ने कहा कि रावण अदम्य शक्ति वाला राजनीतिज्ञ था। रावण के अंतिम समय पर जब राजनीति के गुर सीखने लक्ष्मण जी पहुंचे तो अहं भाव के साथ लक्ष्मण जी ने रावण से राजनीति सिखाने की मांग की लेकिन यह भाव देखकर रावण ने इनकार कर दिया। साध्वी रिद्धिनिधि जी ने श्री गणेशजी महाराज की शरीर आकृति से हमें सीख लेने की बात कही।
उन्होंने कहा कि गणेशजी का मस्तक बड़ा होता है जो हमें संदेश देता है कि हमारी सोच भी बड़ी एवं विस्तृत होना चाहिये। गणेेश जी का पेट बड़ा होता है जो इस बात का घोतक है कि कहीं की भी बुरी बातों को अपने अंदर ही समाहित करके पेट को बड़ा रखना चाहिये। गणेशजी के कान बड़े होते है जो बताते हैं कि हमें सदैव अच्छा ही सुनने का प्रयास करना चाहिये। गणेश जी को मोदक प्रिय होते हैं जो हमें सदैव मीठा एवं मधुर बनने का ही संदेश देते हैं। हेड याने मस्तक में निर्मल विचार, हैण्ड याने हाथ से ईमानदारी पूर्वक कार्य और हार्ट याने हृदय में करूणा और प्रेम का झरना सदैव बहते रहना चाहिए। इस अवसर पर भजन गायक द्वारका मंत्री एवं पंडित दीपक कानूनगो ने गुरू भक्ति के गीतों से समा बांधा।