गुरु पूर्णिमा पर्व 12 वर्ष बाद विशेष संयोग – श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली, गुरू-शिष्य परंपरा के लिए बड़ी संख्या में पहुचेंगे भक्त

देशभर में भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली के रूप में विख्यात गुरू सांदीपनि आश्रम में इस बार गुरू पूर्णिमा महोत्सव धूम धाम से मनाया जाएगा । दरअसल कोरोना के दो वर्ष बाद भक्तों को श्री कृष्ण भगवान के साथ गुरु पूर्णिमा पर्व मनाने का अवसर मिलेगा। वर्ष में एक बार गुरू पूर्णिमा पर आश्रम में छोटे बच्चों को विद्या आरंभ संस्कार कराने के लिए देशभर से श्रद्धालु पहुंचते है।

मंगलनाथ रोड पर पांच हजार वर्ष से ज्यादा पुराना गुरुकुल ऋषि सांदीपनि का आश्रम है। यहां भगवान श्रीकृष्ण, बलराम और सुदामा शिक्षा ग्रहण की थी। हर वर्ष यहां गुरु पूर्णिमा पर छोटे बच्चों का विद्या आरंभ संस्कार किया जाता है। हालांकि बीते दो वर्ष में कोरोना संक्रमण की पाबंदियों के कारण गुरू पूर्णिमा पर आश्रम में यह संस्कार नहीं हो सका था। इस बार बंदिशे नही होने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेगें। आश्रम के पं.जगतनारायण व्यास ने बताया कि गुरू पुर्णिमा पर्व पर भगवान का विधि विधान से पूजन के पश्चात महा आरती होगी और प्रसाद वितरण किया जाएगा। महात्वपूर्ण यह है कि इस दिन छोटे बच्चों का पाटी पूजन होगा। इसको विद्या, बुद्धी संस्कार भी कहा जाता है। पाटी पूजन 16 संस्कारों में से एक है। गुरू के समक्ष पाटी रखकर बच्चों से पाटी का पूजन कराया जाता है। गुरू पूर्णिमा पर्व पर भगवान श्री कृष्ण, बलराम और सुदामा की प्रतिमा का अभिषेक पूजन कर बच्चों को संस्कार की शिक्षा दी जाती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here