उज्जैन लोकायुक्त लगातार रिश्वत लेने वाले भ्र्ष्ट अधिकारियों पर कार्यवाही कर रही है। इसके बावजूद बेख़ौफ़ रिश्वत खोर बेलगाम कर्मचारी भ्र्ष्टाचार करने से बाज नहीं आ रहे है। शुक्रवार को मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड के एक रिश्वत खोर कर्मचारी को लोकयुक्त ने रंगे हाथों 10 हजार की रिश्वत लेते धर दबोचा।आरोपी उज्जैन शहर में स्तिथ हाउसिंग बोर्ड विभाग के कार्यालय के सम्पत्ति प्रबंधन शाखा के सहायक ग्रेड 3 के पद पर पदस्थ था उसने नामांतरण के लिए रिश्वत की मांग की थी । आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है।
लोकायुक्त निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने बताया की देवास जिला कोर्ट में काम करने वाले राहुल दांगी ने देवास के जवाहर कालोनी में EWS श्रेणी का मकान 12.70 लाख में ख़रीदा था। उक्त मकान के नामांतरण हेतु 10 मार्च को हाउसिंग बोर्ड उज्जैन में आवेदन दिया था, जहां हाउसिंग बोर्ड के कर्मचारी बाल मुकुंद मालवीय ने राहुल दांगी से नामांतरण के नाम पर 20 हजार रिश्वत मांगी। जब फरियादी ने 20 हजार देने के असमर्थता जताई तो आरोपी ने सौदा 10 हजार में तय किया । जिस पर राहुल ने 5 जुलाई को लोकायुक्त में रिश्वत की मांगने की शिकायत कर दी। लोकायुक्त अधिकारियों द्वारा सत्यापन के कार्रवाई को अंजाम दिया गया है और आरोपी को 10 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। लोकायुक्त अधिकारियो ने आरोपी पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया है।
लगातार हो रही है कार्यवाही
उज्जैन लोकयुक्त की रिश्वतखोरों के विरुद्ध हाल ही में तीन बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया है जिसमे 12 जुलाई की शाम लोकायुक्त ने नागदा के शिक्षक को 7विं कक्षा की मार्कशीट देने के बदले 9500 रिश्वत की मांग करने पर शिक्षक के खिलाफ कार्यवाही की थी। इससे पहले लोकायुक्त ने नागदा निवासी पटवारी जितेंद्र सिंह राणावत को 7000₹ की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था।