भगवान महावीर की दिगंबर और श्वेतांबर दोनो परंपरा का दशपुर मंदसौर की पावन धरती पर सौहार्दपूर्ण माहौल में ऐतिहासिक मिलन ने देश में आदर्श प्रस्तुत किया। दिगंबर परंपरा के गुरुदेव धर्म भूषण और श्वेतांबर स्थानकवासी जैन परंपरा के राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश दोनों गुरु आपस में आध्यात्मिक चर्चा के साथ-साथ जैन धर्म के सभी परंपराओं को समन्वय स्थापित करके एकता की मिसाल प्रस्तुत करनी चाहिए। अपनी परंपरा का पालन करके अन्य परंपरा का सम्मान करें भगवान महावीर एक थे और हम भी एक हैं का संदेश दिया।
मुनि कमलेश ने प्रस्ताव रखते हुए कहा कि श्वेतांबर के 8 दिन पर्यूषण पर्व और दिगंबर के 10 लक्षण पर्व दोनों परंपरा 18 दिन मनाएं बाद में आने वाली रविवार को सकल जैन समाज विश्व मैत्री दिवस क्षमावाणी के रूप में मनाया जाए। राष्ट्रसंत ने मुनि 108 धर्म भूषण, मुनि 108 सुख सागर और माता का श्वेतांबर समाज से अभिनंदन किया और यहां पधारने की विनंती की।
धर्म भूषण ने मुनि कमलेश के द्वारा भगवान महावीर की साधना स्थली राजगृही में चौथे पहाड़ सुवर्णागिरी की यात्रा वापस बिहार सरकार की ओर से प्रारंभ करने के लिए किए गए प्रयासों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। अहिंसा और गौ रक्षा के कामों का अनुमोदन किया। दोनों गुरु भगवंत ने संस्कृति की रक्षा व्यसन मुक्ति पर्यावरण अहिंसा और विश्व शांति के लिए संगठित होकर प्रयास करने का आह्वान किया।
वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ जीवा गंज के महामंत्री विजय खटोड़ अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली युवा शाखा के राष्ट्रीय संयोजक अजीत खटोड़, संजय पोरवाल, सुभाष भंडारी नितिन पामेचा, नितेश भटेवरा, आशा बहन राजकोट एवं दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष दीपक भूता महामंत्री मनोज गांधी ने संयुक्त बयान में कहा कि चारों महीने समय-समय पर विचारों का आदान प्रदान किया जाएगा।