देश की सुरक्षा में ही सभी धर्म जाति पंथ सुरक्षित है और वही धर्म महान है जो राष्ट्र रक्षा की प्रेरणा देता हो। उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने जैन दिवाकर प्रवचन हाल जीवागंज में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि धर्म भगवान और गुरु से भी बढ़कर है। देश इन सब के स्वाभिमान का प्रतीक है। तिरंगा का सम्मान हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है।
कमलमुनि ने कहा कि हमारी आन,बान, शान और प्राणों से भी प्यारा हमें हिंदुस्तान है। आजादी के 75 वर्ष के राष्ट्रीय पर्व को होली, दिवाली, रमजान से भी ज्यादा उत्साह और उमंग के साथ मनाने का संकल्प लेने वाला ही सच्चा धार्मिक है। माटी का नमक हराम धर्म और देश का सबसे बड़ा गद्दार और दुश्मन है। आपने कहा कि ग्रंथि राजपाल सिंह कहते है कि महापुरुषों ने अपने से बढ़कर देश को बताया, बल्कि इसके लिए सर्वस्व न्योछावर की प्रेरणा दी है।
मौलाना अखलाक अहमद ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद ने स्पष्ट कहा है कि वतन से वफादारी ही सबसे बड़ी नवाज और रोजा है। संत बालकृष्ण के अनुसार मां के चरणों में जन्नत है। वतन पर कुर्बान होना प्रत्येक धार्मिक व्यक्ति का प्रथम कर्तव्य है। फादर रेवरेंट पैट्रिक ने कहा कि 15 अगस्त के दिन सभी धर्म गुरुओं को मिलकर अपने – अपने धर्म ध्वज के साथ मंदिर मस्जिद चर्च गुरुद्वारा पर तिरंगा लहरा कर जनता को राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत करना चाहिए। बौद्ध धर्म के लामा लॉन्ग जंग ने बताया कि देश तिजोरी है ओर धर्म सोना है । देश नहीं रहा तो हमारा अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।
संत कमलमुनि ने कहा कि अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली के 18 राज्यों में हजारों कार्यकर्ताओं ने साप्ताहिक तिरंगा यात्रा निकालने का निर्णय लिया है। तिरंगा यात्रा विश्व शांति का संदेश देगी। तपस्वी घनश्याम मुनि जी के आज 17 और सेवक भेरु के 14 उपवास की तपस्या चल रही है। 27 जुलाई को ओसवाल स्थापना दिवस मनाया जाएगा। राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में कौशल मुनि ने मंगलाचरण किया। सभा का संचालन महामंत्री विजय खटोड़ ने किया आभार अनिल संचेती ने माना