धार की जनसुनवाई में मगजपुरा निवासी गोपालदास बैरागी अपनी चार वर्षीय पुत्री नेहा के उपचार हेतु आर्थिक सहायता दिलाने का अनुरोध किया था। नेहा बचपन से चलने फिरने में असमर्थ थीं। बच्ची का उपचार इंदौर के निजी हॉस्पिटल में चल रहा था। इंदौर में उपचार कर रहे निजी चिकित्सक के द्वारा इंजेक्शन बोटॉक्स 100 IU लगाने की सलाह दी गई। हजारों रुपए कीमत वाले महंगे इंजेक्शन के कारण परिवार परेशान हो रहा था। गरीब मजदूरी पेशा होने और जैसे तैसे अपना जीवन यापन करने से इंजेक्शन खरीदने में असमर्थ होने के कारण कलेक्टर से सहायता हेतु निवेदन किया था। कलेक्टर डॉक्टर जैन ने तत्परता पूर्वक स्वास्थ्य विभाग को इंजेक्शन देने हेतु निर्देशित किया। शासन द्वारा यह इंजेक्शन जिला स्तर पर सप्लाई की जाने वाली आवश्यक दवाओं में शामिल नही है। ऐसे में आयुष्मान योजना में उक्त इंजेक्शन न होने से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा सिविल सर्जन को अन्य मद से इंजेक्शन क्रय कर करने हेतु निर्देशित किया। सिविल सर्जन द्वारा इंजेक्शन परिजनों का उपलब्ध करवाए, जिसके बाद अब इंदौर में भर्ती बच्चीं को इंजेक्शन लग गए है। बच्ची सामान्य स्थिति में है