अंधविश्वास पर विश्वास ने ली जान – जहरीले जीव के काटने के बाद झाड़-फूंक का सहारा

बुंदेलखंड अंचल में झाड़-फूंक, जादू-टोने, टोटके और तंत्र-मंत्र का दौर जारी है। हाल ही में मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले से पिपट गवांव की हीराबाई (75) पति मनोहर चौरसिया को पैर में जहरीले जीव ने काट लिया। परिजन उसे अस्पताल या डॉक्टर के पास न ले जाकर झाड़-फूंक वाले के पास ले गए, यहां उसकी मौत हो गई।

4 दिनों तक करता रहा झाड़-फूंक

झाड़-फूंक वाला 4 दिनों तक (जादू-टोना, झाड़-फूंक) करता रहा, इस दौरान उसका पैर बुरी तरह से गलने लगा और हालत बिगड़ने लगी तो परिजन घबरा गए। आनन-फानन में गंभीर हालत में जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मौत के बाद पछता रहे परिजन

मनोहर चौरसिया (महिला का पति) ने कहा कि वहीं अब परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। उन्होंने कहा कि समय रहते 4 दिन पहले ही इलाज शुरू कर दिया होता, तो वह बच जाती। हम अब तक बेवजह झाड़-फूंक, जादू, टोने-टोटके में पड़े रहे, इलाज करा लिया होता तो आज यह मौत ना होती।

डॉक्टर बोले- झाड़-फूंक में गई जान

मामले में हमने जिला अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर अरुणेंद्र शुक्ला से बात की तो उन्होंने बताया कि समय पर इलाज न मिलने से महिला की मौत हुई। परिजन 4 दिनों तक झाड़-फूंक में लगे रहे, जिससे महिला की हालत बिगड़ती चली गई। अगर यह लोग जादू-टोने, झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़ते, समय रहते किसी अच्छे डॉक्टर के पास या जिला अस्पताल लेकर आए होते तो मुफ्त में इलाज हो जाता और जान बच जाती।

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