जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक अपर कलेक्टर गुंचा सनोबर की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में अपर कलेक्टर ने सर्वोच्च न्यायालय और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन सभी स्कूल में सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
स्कूल बसों में ये सुविधाएं होनी चाहिए
- सभी स्कूल बसों का रंग पीला होना चाहिए।
- स्कूल बस में निर्धारित मानक के अनुसार गति नियंत्रक यंत्र (एस.एल.डी.) होना चाहिए।
- अनुबंधित बस पर “ऑन स्कूल ड्यूटी” लिखा होना चाहिए।
- स्कूल बस में फर्स्ट एड बॉक्स होना चाहिए।
- स्कूल बसों में खिडकियों पर (हॉरिजेन्टल) ग्रिल्स होना चाहिए।
- अग्निशमन यंत्र की सुविधा हो।
- स्कूल का नाम और फोन नंबर लिखा होना चाहिए।
- स्कूल बस में दो दरवाजे होना चाहिए।
- बस के दरवाजों पर लगे ताले ठीक स्थिति में हों।
- स्कूल बस में शिक्षित, प्रशिक्षित परिचालक हो।
- किसी भी शिक्षक या पालक को बस में सुरक्षा मुआयना करने की दृष्टि से जाने की सुविधा हो।
- बस ड्राइवर के पास कम से कम साल पुराना भारी वाहन चलाने का अनुभव हो।
- स्कूल बस में सीटों के नीचे बस्तों की सुरक्षा के लिए अलग से स्थान हो।
- स्कूल बस पर ऐसा चालक रखा जाएं, जिस पर लाल बत्ती तोड़ने के जुर्म में एकाधिक बार चालानी कार्रवाई न की गई हो, जिन चालकों के विरूद्ध ओव्हर स्पीडिंग, शराब पीकर वाहन चलाने, खतरनाक तरीके से वाहन चलाने के अपराध में चालानी कार्रवाई की गई हो, ऐसे अनाधिकृत व्यक्ति को चालक न रखा जाए।
- स्कूल बसों में जीपीएस सिस्टम और सीसीटीवी कैमरे लगे हों और कार्यरत हों।
- स्कूल संचालकों द्वारा एक ट्रांसपोर्टर मैनेजर की नियुक्ति होना चाहिए जो बच्चों की सुरक्षा के लिए उत्तरदायी हो।
- स्कूल बस में व्हीएलटीडी और पैनिक बटन नियमानुसार स्थापित हो।