शहर के भावसार क्षत्रिय समाज द्वारा पिछले 404 वर्षों से चली आ रही खप्पर की परंपरा में गाई जाने वाली गरबियों की गूंज भावसार मोहल्ले की गलियों में सुनाई देने लगी है, क्योंकि इन गरबियों का अभ्यास समाजननों द्वारा शुरू कर दिया है।
भावसार मोहल्ला स्थित सिद्धनाथ महादेव मंदिर में समाजजनों द्वारा रात्रि में रोजाना अलग-अलग गरबियो का अभ्यास कर रहे है। खप्पर आयोजन समिति के डॉ मोहन भावसार ने बताया कि शारदीय नवरात्रि में महाअष्टमी व महानवमी पर निकलने वाले माता अंबे और माता महाकाली के खप्पर में गाई जाने वाली गरबियों का अभ्यास मिरदिंग और झान-मजीरा के साथ भावसार मोहल्ला स्थित सिद्धनाथ महादेव मंदिर में शुरू हो चुका है।
इस दौरान अरे हऊ तो मनाऊ गणपति रे…….., वेगा आओनी आरे आ………., आनंदी गुण गाऊ महाकाली ओ………., सरवर हिंडोलो गिरवर……….., अंबा देवी भारत नो संकट मिटावजो………, देवी म्हारी पावानी रे पटरानी भवानी……., सब देवन म देव महादेव बड़ो भारी……. एवं म्हारी अंबे भवानी माय वो……., रखो सब भक्तन की लाज खप्पर वाली जी….., सीता मांगे अवध को राज….., अरे चांदनिया चालो मन अति उतावला….. जैसी गरबियों का अभ्यास किया जा रहा है। इस दौरान समाज के युवा मौजूद रहे।