नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार यूनिवर्सिटी के सामने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाए कि यूनिवर्सिटी में व्यापक अनियमितताएं हो रही हैं। NSUI के प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व प्रदेश समन्वयक रवि परमार के नेतृत्व में गांधीवादी तरीके से विरोध दर्ज कराया। रवि ने कहा कि यूनिवर्सिटी संघ की प्रयोगशाला बन चुका है। बीते 10 साल से जितना इस विश्वविद्यालय का कबाड़ा हुआ है, प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालय का नहीं हुआ। 2018 में कांग्रेस सरकार ने स्वतंत्र जांच करवाकर 20 प्रोफेसर, अधिकारी और कर्मचारियों पर केस दर्ज करवाया था, लेकिन कांग्रेस सरकार के जाते ही फिर यहां भ्रष्टाचार शुरू कर दिया गया।
रवि ने आरोप ने लगाया कि पिछले दिनों बिना विज्ञापन निकाले कुलपति केजी सुरेश के खास अंकित पांडेय को रिसर्च एसोसिएट के पद पर नियुक्ति दे दी गई। इसके लिए सिर्फ कोरम पूरा करने ऐसी योग्यताएं फिक्स की गई, जिससे सिर्फ अंकित का ही चयन हो सके। इसके अलावा संघ/भाजपा की पृष्ठभूमि से आने वाले एक शख्स को असिस्टेंट रजिस्ट्रार के पद पर नियुक्त कर दिया गया है।
विश्वविद्यालय के आधिकारिक फेसबुक पेज पर विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष और उप राष्ट्रपति का नाम ही गलत लिख दिया गया था। पूर्व छात्रों ने इसे ठीक कराया। विश्वविद्यालय में आए दिन RSS और उसके सहयोगी संगठनों के कार्यक्रम कुलपति केजी सुरेश करवाते हैं। विश्वविद्यालय का पैसा बर्बाद करते हैं।
विश्वविद्यालय का पैसा संघ के पदाधिकारियों को खुश करने में लगाया जा रहा है। बताया गया कि बीते दिनों ही एक निजी कॉलेज में संघ का कार्यक्रम हुआ था, जिसमें स्टूडियो विभाग से वीडियो कैमरा, कैमरे बिना लिखित अनुमति के भेजे गए थे। NSUI ने कार्यकर्ताओं भव्य सक्सेना, लक्की चौबे, पुरुषोत्तम झा, छात्रा अंजली राजवीर सिंह, मोहित पटेल, विनय बनारसी, रवि पटेल, शुभम सिंह, जितेंद्र विश्वकर्मा, जीशान खान के साथ छात्र-छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन कर नारेबाजी की।