अपनी लंबित 9 सूत्रीय मांगों को लेकर पेंशनर एसोशिएशन ने सोमवार कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम अपर कलेक्टर रवि कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में बताया कि प्रदेश के 4.50 लाख पेंशनर्स अपनी न्यायोचित मांगों के लिए निरंतर शासन से ज्ञापन धरना आदि माध्यमों से निराकरण की मांग करता आ रहा है, लेकिन अब तक मांगे नहीं मानी गई है और निंरतर उपेक्षा की जा रही है इससे पेशनर्स में घोर असंतोष व्याप्त है और वे आर्थिक तंगीमय जीवन जी रहे हैं।
पेंशनर्स की यह प्रमुख मांगे
पेंशनर्स द्वारा दिए ज्ञापन में अपनी प्रमुख मांग केन्द्र के समान 38 प्रतिशत तथा समय-समय पर की जा रही महगाई राहत में वृद्धि केन्द्रीय दर से अविलम्ब स्वीकृत की जाए, सातवे वेतनमान का लंबित 27 माह के एरियर का भुगतान किया जाए।
पेंशनर्स को आयुष्मान योजना अथवा पेंशन बीमा योजना से जोड़ा जाए, म.प्र. छत्तीसगढ़ पुर्ननिर्माण अधिनियम 49 को अविलम्ब विलोपित किया जाए।
पेंशनरों को वर्तमान में 80 वर्ष पूर्ण होने पर 20 प्रतिशत की वृद्धि की जाती है, जो कि न्यायालयीन निर्णय के परिप्रेक्ष्य में 79 वर्ष की आयु पूर्ण होते ही प्रदान की जाए, नियमित कर्मचारी की तरह पेंशनर्स को भी 50,000/- उपादान राशि प्रदान की जाए।
राज्य के पेशनरों को केन्द्र के पेंशनरों की भांति 1000/- चिकित्सा भत्ता प्रदान किया जाए, छटवे वेतन मान अन्तर्गत 32 माह का लंबित एरियर राज्य पेंशनर्स को दिया जाए एवं नई पेंशन योजना बन्द पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए।
यह रहे मौजूद
इस अवसर पर एसोशिएशन के राधारमण पंडया, आरएस चौरासिया, आरव्ही जोशी, प्रहलाद सिंह चौहान, कैलाशचन्द्र राठौर, सागरमल जैन, रामचंद्र शर्मा, कैलाशनारायण शर्मा, महेश वर्मा, जयनारायण लश्करी, राधकिशन बिलानिया, विष्णुप्रसाद खमोरा, डीएस बबेरवाल, सीएस गुप्ता, रामचन्द्र, एके माण्डलीक, रामस्वरूप, शिवसहाय सक्सेना, रमेशचंद्र, मातादीन, मुबारिक खान सहित बडी संख्या में पेंशनर्स मौजूद रहे।