तहसीलदार की मिलीभगत से षडयंत्र पूर्वक करवाया नामांतरण
उज्जैन / षड्यंत्र कर किसी के हक पर बाजी मारने की बात आती है। तो कब्र से निकले मुर्दे भी निकल कर अपना हक जताने लगते हैं।? यहां भी कुछ इसी प्रकार का माजरा देखने को मिल रहा है। जिस पत्नी ने अपने पति से 25 साल पहले छुटकारा ले लिया था जो 25 साल से कभी अपने पति को देखने एवं हालचाल लेने नहीं आई वह आज अपने आप को मृत्यु मुन्नालाल की पत्नी बता कर उसके मरने के बाद उसकी जमीन को अपना बता रही है। एवं उस पर अपना हक जताकर तहसीलदार एवं अन्य अधिकारियों की सांठगांठ से जमीन का नामांतरण अपने नाम करवा लिया है। मामला सावरा खेडी तहसील व जिला उज्जैन का है। जिसमें सुगन बाई ने कलेक्टर महोदय को आवेदन में कहा कि मुझ प्रार्थीया के स्वामित्व व आधिपत्य की भूमि सर्वे क्रमांक 132 / 1 रकबा 0.1200 हैं. सर्वे क्रमांक 133/1, रकबा 0.1840 है. सर्वे क्रमांक 134 / 1/4 रकबा 1.2610 हैं कुल रकबा 1.4850 हैं स्थित ग्राम सावरा खेडी तहसील व जिला उज्जैन का तहसीलदार महोदय पाण्डे जी द्वारा अपील क्रमांक 665 / अपील / 2021-2022 अपर कमीश्नर महोदय उज्जैन के समक्ष विचारण होने की जानकारी होने के पश्चात भी मिलीभगत कर नामान्तरण किये जाने से उक्त नामान्तरण निरस्त किये जाने तथा उक्त तहसीलदार महोदय के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही किये जाना चाहिए। सुगनबाई ने बताया की में सुगनबाई पति स्व. श्री मुन्नालाल जी निवासी जयसिंहपुरा पिपली बाजार उज्जैन मप्र की निवासी हुँ। मेरे पति का स्वर्गवास हो चुका है। मेरे पति मुन्नालाल के नाम कि समस्त कृषि भूमि ग्राम सावरा खेडी तहसिल व जिला उज्जैन म.प्र. पर नामांतरण है। जो की मेरे पति की मृत्यु के पश्चात मेरा एवम मेरे बच्चों का होना था। किंतु अन्य नामक महिला ने मेरे उक्त कृषि भूमि के नामांतरण पर आपत्ति लगाई कि मैं मुन्नालाल कि पत्नि हुँ जबकि उक्त प्रेमलता से मेरे पति का पूर्व में 25 साल पहले ही तत्कालिन मान्य विधी अनुसार विवाह विच्छेद हो चुका था। इस कारण तहसिलदार महोदय द्वारा आपत्ति स्वीकार नही की गई थी। तथा मुझसे मेरे पति मुन्नालाल जी ने प्रेमलता से तलाक के पश्चात विवाह किया है। इस कारण में प्रार्थी एवं मेरे बच्चे स्व. मुन्नालाल के वैध वारिस है। यह कि उक्त वर्णित भूमि पर प्रेमलता एवं उसके अन्य गुंडा किस्म के लोग भुमि पर अवैध रूप से कब्जा करने की कोशिश कर रहे है। एवं उक्त भूमि को विक्रय करने के उद्देश्य से दलालो को भूमि दिखा रहे है। तथा मुझ प्रार्थीया को भी दलालो से ही बात की जानकारी हुई थी। मेरी भूमि पर बिना मेरी जानकारी के तहसीलदार महोदय पांडे जी द्वारा नामान्तरण कर दिया गया है। यह कि तहसीलदार महोदय के उक्त आदेश के विरूद्ध अपील अनुविभागीय अधिकारी महोदय उज्जैन के समक्ष प्रस्तुत की गई थी। उक्त अपील क्रमांक 0088 / अपील 2020-2021 है उक्त अपील में तहसिलदार महोदय ने प्रकरण के 0166 / अ-6 / 2020-2021 मे स्व. मुन्नालाल के स्वामित्व कि कृषि भूमि 29 / 2 रकबा 0.021 है। सर्वे क्र. 49 रकबा 0.063 है। कुल रकबा 0.084 है। के संबंध मे दिनांक 12/02/2021 को जो आदेश पारित किया गया उक्त सर्वे का क्रमांक का निराकरण अनुविभागीय अधिकारी महोदय उज्जैन द्वारा किया जाना था अनुविभागीय अधिकारी महोदय उज्जैन द्वारा आदेश दिनांक 8.10.2021 को जो आदेश पारित किया गया वह कृषि भूमि ग्राम सावरा खेड़ी तहसिल व जिला उज्जैन के संब में पारित किया गया जो कि अवैधानिक होकर स्वीकार योग्य नही रहा है। क्योकि जब तहसीलदार महोदय के न्यायालय में नामान्तरण में उक्त सर्व नम्बर का उल्लेख किया ही नहीं है तो।
अनुविभागीय अधिकारी महोदय द्वारा उक्त सर्वे नम्बरों के संबंध में आदेश क्यों दिया गया। इस हेतु मुझे प्रार्थीया ने उक्त आदेश के विरूद्ध अपर युक्त महोदय उज्जैन के समक्ष अपील प्रस्तुत की है जो अपील प्रकरण क्रमांक ०६/ अपील 2021-2022 जिसकी जानकारी तहसीलदार महोदय को होने के पश्चात भी तहसीलदार महोदय द्वारा उक्त प्रेमलता नामक महिला से सांठगांठ कर बिना अपीलीय आदेश के ही उक्त भूमि पर नामान्तारण कर दिया है। मेने जब तहसीलदार महोदय से मौखिक आपत्ति की तो तहसीलदार महोदय ने कहा कि तुझे जो करना है। कर दे मैंने मेरा काम कर दिया है। ऐसी स्थिति मे उक्त वर्णित सर्वे के पर प्रेमलता का नाम अंकित कर देना अवैधानिक होकर अपराधिक श्रेणी मे आता है।
अतः श्रीमान से प्रार्थना है कि उपरोक्त वर्णित सर्वे नम्बरो पर जो तहसीलदार महोदय ने अवैध रूप से नामान्तरण किया है। उसे निरस्त किया जाये एवं अपर आयुक्त महोदय को न्यायालय में प्रस्तुत अपील के निराकरण के पश्चात ही निर्णय अनुसार नामान्तरण किया जाये. मौके पर विवादित स्थितियों उत्पन्न हो रही है। उन्हे भी रोका जाना आवश्यक है। क्योकि उक्त वर्णित भूमियों पर मुझ प्रार्थीया एवं मेरे बच्चो का ही आधिपत्य चला आ रहा है ।