मेरे पिता इलेक्ट्रिक का काम करते है। परिवार में मां, दो बहनें व इकलौता भाई मोनू पांच सदस्य है। मोनू गलत संगत में लग गया। नशा करने लगा। बैतूल कोतवाली में उसके खिलाफ मारपीट समेत अन्य अपराधों के आठ केस दर्ज हो गए। लोगों से कर्जा लेने लगा, जिसके चलते माता-पिता परेशान हो रहे थे।
किसी तरह मैं इंदौर में नौकरी कर घर के गुजर-बसर में सहयोग करती लेकिन मोनू को ये भी गंवारा नहीं था। वह क्रूरताभरा बर्ताव करने लगा था। हम बहनों से आए दिन मारपीट करता। माता-पिता को अपशब्द कहता। नवरात्रि के दौरान उसने मां का गला दबाकर उनकी हत्या का प्रयास किया।
किसी तरह आसपास के लोगों ने समय पर पहुंच मां को बचा लिया। मुझसे ये बर्दाश्त नहीं हुआ। मैंने तभी ठान लिया कि परिवार को जिंदा व सुख-चैन से रहने के लिए मोनू का मरना जरूरी है इसीलिए मेरा मित्र अखिलेश जो उज्जैन के माधवनगर अस्पताल में ऑक्सीजन व्यवस्था का प्रभारी है, की मदद से भाई को मारने की सुपारी दी। जैसा- मृतक की बहन
मिक्की ने पुलिस को बताया…
युवती समेत पांच गिरफ्तार, पचास हजार एडवांस दिए थे
माकड़ौन क्षेत्र में बैतूल निवासी युवक की हत्या में मुख्य षड्यंत्रकारी बहन ही निकली। उसने प्रेमी की मदद से दो लाख रुपए की सुपारी देकर भाई की हत्या कराई, क्योंकि वह अपराध के रास्ते चलने के बाद आए दिन मां व बहन से ही मारपीट करता था। इसी से तंग आकर बहन से सगे भाई को मौत के घाट उतरवा दिया।
14 अक्टूबर को माकड़ौन के चिरड़ी मार्ग पर बैतूल निवासी प्रशांत वर्मा उर्फ मोनू की रक्तरंजित लाश मिली थी। इसमें पुलिस ने मास्टर माइंड बहन मिक्की (26) समेत उसके प्रेमी अखिलेश पिता भारतसिंह चौहान (26) निवासी ऋषिनगर व हत्या को अंजाम देने वाले बटालियन जवान गुलाबसिंह राजपूत के पुत्र दिलीप उर्फ दीपक राजपूत (24) निवासी डाबड़ा राजपूत गांव, छोटू उर्फ शरद कोरकू (24) निवासी बैतूल को गिरफ्तार किया है।
साेमवार को हत्याकांड का खुलासा करते हुए एएसपी देहात आकाश भूरिया ने बताया मां के साथ बहन अस्पताल में भाई की शिनाख्त करने आई थी, तब तक माकड़ौन थाना पुलिस को ये पता चल चुका था कि बहन मुख्य षड्यंत्रकारी है। उसे बयान के बहाने पूछताछ के लिए ले गए व प्रेमी व बैतूल निवासी भाई के दोस्त के आमने-सामने कराया तो उसने अपराध स्वीकार लिया। थाना प्रभारी अशोक शर्मा ने बताया युवती को कोर्ट में पेश करने पर जेल भेज दिया, जबकि अन्य आरोपियों का पुलिस रिमांड मिला है।
हत्या करने वाले पेशेवर अपराधी नहीं लेकिन लाश को पेट्रोल डालकर सबूत मिटाने तक की प्लानिंग की थी
हत्या को अंजाम देने वाले सामान्य कामकाजी युवक हैं लेकिन प्लानिंग पेशेवर अपराधियों की तरह की थी। दो लाख रुपए में हत्या के लिए अखिलेश ने दोस्तों को तैयार किया। तय हुआ कि लाश को अन्य जिले में सूनसान जगह पर पेट्रोल डालकर जला भी देंगे। इसके लिए मिक्की ने भाई के दोस्त छोटू को ये कहकर भरोसे में लिया कि उसे मोनू के साथ उज्जैन दर्शन व घूमने के बहाने लेकर तुझे जाना है।
इसके लिए कार रहेगी। छोटू व मोनू 12 अक्टूबर को उज्जैन आए। यहां महाकाल दर्शन किए। इसके बाद शांति पैलेस मार्ग पर प्लान के मुताबिक बटालियन जवान का पुत्र व शेष लोग मिले। सभी ने शराब पी। एएसपी भूरिया ने बताया रास्ते में रूपाखेड़ी मार्ग पर चलती कार में ब्लेड से मोनू का गला काट दिया लेकिन माकड़ौन क्षेत्र में कार खंती में पलटने से सभी घबरा गए व लाश को झाड़ियों में फेंककर भाग निकले थे। गाड़ी की वजह से हत्या के तार जोड़ने में मदद मिल पाई। अगर गाड़ी गड्ढे में नहीं गिरती तो ये तय था कि वे लाश को जलाकर सबूत मिटा देते।