जिला अस्पताल में संचालित आईसीयू का रिनोवेशन किया जाकर अत्याधुनिक किया जा रहा है लेकिन बेड की संख्या बढ़ाने पर कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है। संभाग के सबसे बड़े जिला अस्पताल में केवल 10 बेड का आईसीयू है।
यानी 11वां मरीज इलाज के लिए आता है तो उसे या तो वेटिंग में रखा जाएगा या इंदौर रैफर करना पड़ेगा। हायर सेंटर पर मरीज को रैफर किए जाने की स्थिति में करीब डेढ़ से दो घंटे बाद ही अस्पताल में इलाज मिल पाता है, क्योंकि परिवार के लोगों को सबसे पहले एम्बुलेंस का इंतजाम करना होता है। उसके बाद इंदौर में हॉस्पिटल तय कर मरीज को ले जाना होता है।
संभागीय जिला अस्पताल के मान से यहां पर 20 बेड के आईसीयू की आवश्यकता है। पूर्व में इसको लेकर प्लान भी बनाया था कि पुराने आईसीयू की पहली मंजिल या पीछे की ओर कॉरिडोर बनाया जाकर समीप की बिल्डिंग का उपयोग करते हुए वहां पर अतिरिक्त 10 बेड का आईसीयू संचालित किया जा सके। यह प्लान अब तक अधर में ही है।
गंभीर मरीजों के आईसीयू में एंट्री की भी समस्या
अस्पताल की मुख्य बिल्डिंग में से आईसीयू में गंभीर मरीजों के प्रवेश की व्यवस्था कर रखी है, जिसमें मरीज को पहले मुख्य बिल्डिंग में ले जाना पड़ता है, जहां से वार्ड में से होकर आईसीयू पहुंचाया जाता है।
बेहतर सुविधाएं मिलेगी
आईसीयू रिनोवेशन कर अत्याधुनिक किया जा रहा है। यहां पर गंभीर मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी।
डॉ.पीएम वर्मा, सिविल सर्जन