जर्जर सड़कों के मुद्दे पर PWD-निगम आमने-सामने चीफ इंजीनियर बोले-सीवेज और पानी की लाइन से 18 सड़कें उखड़ी निगम ठीक करे


पिछले 3 महीने से बुरे दौर से गुजर रही राजधानी की सड़कों को लेकर पीडब्ल्यूडी और नगर निगम आमने-सामने आ गए हैं। चार दिन पहले महापौर मालती राय ने पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर संजय मस्के को लेटर लिखा था और सड़कों की मरम्मत कराने की बात कही थी। जिसके जवाब में चीफ इंजीनियर का कहना है कि सीवेज और पानी की पाइप लाइन के चलते कोलार, हमीदिया रोड समेत कुल 18 सड़कें उखड़ गईं। नगर निगम को ही इनकी मरम्मत कराना है। इसे लेकर लेटर भी लिख चुके हैं।

महापौर राय ने लेटर में लिखा था कि शहर के भ्रमण के दौरान पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आने वाली सड़कों की स्थिति बहुत खराब है। खराब सड़कों की मरम्मत/डामरीकरण के लिए पार्षद और लोग लगातार अनुरोध कर रहे हैं। जर्जर सड़कों के कारण राहगीर परेशान हैं। वहीं, वायु प्रदूषण भी हो रहा है। इसलिए जल्द सड़कों की मरम्मत या डामरीकरण कराया जाए।

चीफ इंजीनियर का यह जवाब
चीफ इंजीनियर मस्के ने बताया कि पीडब्ल्यूडी की कुल 27 सड़कें बारिश के कारण खराब हुईं। इनमें से 18 सड़कों को लेकर निगम जिम्मेदार है। करीब दो महीने पहले निगम को सड़कों की हालत सुधारने के लिए लेटर भी लिखा था। अब फिर से लेटर लिखेंगे।गड्‌ढों में भरी मिट्‌टी बड़ी मुसीबत बनी
जून से अब तक जारी रही बारिश के कारण करीब एक हजार किलोमीटर सड़कें उखड़ी गईं। बीच में बारिश थमने के बाद निगम और पीडब्ल्यूडी को रेस्टोरेशन का समय मिल गया था। गड्‌ढों में गिट्‌टी और मिट्‌टी भरकर राहत दी गई थी, लेकिन अक्टूबर की तेज बारिश में सड़कें फिर से जर्जर हो गई। इस कारण राहगीरों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। गड्‌ढों के अलावा उड़ती धूल भी अब लोगों की सेहत बिगाड़ने लगी है।

यहां भी ऐसे हाल

  • जहांगीराबाद, जिंसी चौराहा, पुल बोगदा में भी सड़कें खस्ता हाल है। गड्‌ढों में भरी मिट्‌टी धूल बनकर राहगीरों को परेशान कर रही है।
  • कोलार रोड के नयापुरा, ललितानगर, डी-मार्ट के आसपास, बैरागढ़ चिचली में हालत ठीक नहीं है। यहां धूल के गुबार उड़ते रहते हैं।
  • रायसेन रोड पर इंद्रपुरी, आनंदनगर की सड़क भी खस्ताहाल है।
  • एमपी नगर में गर्वमेंट प्रेस के पास सड़क की हालत ठीक नहीं है।
  • होशंगाबाद रोड और बैरागढ़ रोड पर बीआरटीएस कॉरिडोर की सड़क उखड़ने गई है।
  • बावड़ियाकलां, सलैया, लहारपुर, कटारा, करोंद, छोला के हाल भी ठीक नहीं है।

सड़कों की वजह से बंद हो चुका CPA
राजधानी में नगर निगम की 3879 किमी, पीडब्ल्यूडी की 531 किमी, बीडीए की 150 किमी और CPA (राजधानी परियोजना प्रशासन) की 132 किमी सड़कें हैं। सीपीए इसी साल 31 मार्च को बंद हो चुका है और इसकी सड़कें पीडब्ल्यूडी को सौंपी गई है। सीपीए के बंद होने की वजह भी खराब सड़कें हैं। पिछले साल सड़कों की स्थिति की समीक्षा करते समय CM शिवराज सिंह चौहान ने इसे बंद करने के निर्देश दे दिए थे। करीब छह महीने की लंबी प्रोसेस के बाद सीपीए हमेशा के लिए बंद कर दिया गया।

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