दो दिन पहले नियमों को ताक में रखकर कार्रवाई करने वाली निगम की टीम के अफसरों से अपर आयुक्त ने जवाब तलब किया है। सहायक आयुक्त नीता जैन और अतिक्रमण दल प्रभारी गोपाल गोयत को नोटिस देकर पूछा है कि कार्रवाई के दौरान अफसर क्यों मौजूद नहीं थे। कार्रवाई में नियमों का क्यों ध्यान नहीं रखा गया।
शनिवार को निगम के रिमूवल गैंग के उड़नदस्ते ने चरक के सामने गुंडों की स्टाइल में कार्रवाई की थी। व्यापारियों के सामान समेट गाड़ी में डाल दिए और व्यापारी उनसे पूछते ही रह गए कि वह कौन है। कार्रवाई में सबसे बड़ी लापरवाही सहायक आयुक्त नीता जैन और अतिक्रमण दल प्रभारी गोयत की सामने आई है।
जो कार्रवाई के दौरान मौके पर मौजूद नहीं थे और न ही उन्हें कार्रवाई के बारे में पता था। मामले में अपर आयुक्त आदित्य नागर ने दोनों अफसरों को नोटिस देकर जवाब मांगा है कि लापरवाही कहां हुई। दोनों के जवाब देने के बाद अगामी कार्रवाई की जाएगी।
बगैर पंचनामा उठा ले गए थे सामान
निगम की गाड़ी में चंचल पंवार नामक युवक कुछ साथियों के साथ पहुंचा और चरक अस्पताल के सामने बैठे व्यापारियों से बगैर बात किए सारा सामान गाड़ी में भरा और उठा ले गया। व्यापारियों का कितना सामान वह उठाकर ले गया। इस संबंध में व्यापारियों को भी नहीं बताया। अक्सर कार्रवाई की आड़ में उड़नदस्ते की टीम व्यापारियों का सामान उठाकर ले जाती है और जब व्यापारी सामान लेने पहुंचते हैं तो उनसे मौल-भाव किया जाता है। सामान तो अपनी शर्तों पर ही दिया जाता है, वहीं रुपयों की भी मांग की जाती है। ऐसे आरोप निगम की रिमूवल गैंग पर लगते रहे हैं।
कबाड़ कांड में भी जैन की ईओडब्ल्यू में शिकायत
सहायक आयुक्त नीता जैन का नाम हमेशा विवादों से जुड़ता रहा है। हाल ही में हुए कबाड़ा कांड में उनकी शिकायत ईओडब्ल्यू में भी हुई है। जबकि अतिक्रमण हटाने के दौरान कई बार व्यापारियों ने पैसे लेने की भी शिकायत की है। हाल ही में कार्तिक मेले की व्यवस्था गड़बड़ाने में भी उनकी भूमिका रही। जब 600 से अधिक दुकानों के टेंडर अलग-अलग अपलोड कर दिए गए, जिससे कई व्यापारी फार्म भी नहीं डाल पाए। यही नहीं, दुकानों के आवंटन में भी जनप्रतिनिधि इनकी कार्यशैली से खासे नाराज रहे।
नोटिस देकर जवाब मांगा है
“सहायक आयुक्त सहित दो अफसरों को नोटिस देकर कार्रवाई में हुए नियमों के उल्लंघन को लेकर जवाब मांगा है। साथ ही निर्देश दिए हैं कि कहीं भी कार्रवाई हो, वहां अफसर जरूर मौजूद रहें। ऐसा नहीं होता है तो जिम्मेदार अफसर पर कार्रवाई की जाएगी।”
-आदित्य नागर, अपर आयुक्त, नगर निगम