बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन अभिनीत फिल्म ‘दृश्यम’ का सीक्वल हाल ही में रिलीज हुआ है। इस फिल्म जैसी कहानी का गवाह इंदौर भी रहा है। 6 साल पहले हुए कांग्रेस नेत्री ट्विंकल डागरे हत्याकांड काफी हद तक इस फिल्म से मिलता-जुलता है। इस मामले में सोमवार को मुख्य आरोपी जगदीश करोतिया की जमानत अर्जी हाईकोर्ट ने निरस्त कर दी।
घर से नाश्ता लेने निकली फिर कभी लौटी ही नहीं
16 अक्टूबर 2016 को बाणगंगा के फ्रीगंज इलाके में रहने वाली ट्विंकल डागरे अपने घर से नाश्ता लेने निकली थी। इसके बाद अपने घर नहीं लोटी। इसी दिन रात में परिवार के लोग थाने पहुंचे। ट्विंकल के बालिग होने के चलते पुलिस ने कहा कि 24 घंटे तक इस मामले में नजर रखते हैं। जिसके बाद ही गुमशुदगी दर्ज करेंगे। अगले दिन पुलिस ने मामले में गुमशुदगी का केस दर्ज किया। पुलिस ने ट्विंकल की कॉल डिटेल निकाली। जिसमें उसके मोबाइल की 2 लोकेशन मिली। पहली संगम नगर और दूसरी मरीमाता। इसके बाद उसका मोबाइल बंद हो गया।
22 अक्टूबर को पुलिस ने इस मामले में ट्विंकल के पिता संजय डागरे और मां रीटा डागरे को थाने बुलाया। उनसे बेटी से जुड़ी पूरी जानकारी ली। दोनों ने बताया कि अमित नाम के लड़के से उसकी सगाई हुई थी। वहीं, एक दिन पहले ट्विंकल का भाजपा नेता जगदीश करोतिया के बेटे से भी विवाद होने की बात सामने आई थी। ट्विंकल इससे पहले दिनेश साहू पर भी छेड़छाड़ को लेकर केस दर्ज करा चुकी थी। इसके चलते पुलिस ने तीनों मामलों में जांच शुरू की।
बारी-बारी सबसे पूछताछ, लेकिन नहीं निकला निष्कर्ष
ट्विंकल के लापता होने के बाद से पुलिस ने उसके मंगेतर अमित से पूछताछ की, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला। इसके बाद दिनेश साहू, जगदीश करोतिया और उसके बेटों से पूछताछ की गई। जांच में कुछ भी सामने नहीं आया। उल्टा ट्विंकल के माता-पिता पर ही सभी ने दोष मढ़ा। जिसके बाद पुलिस ने गुमशुदगी की जांच बंद कर दी।
कांग्रेस नेत्री का शव जलाकर कहा था- कुत्ता मर गया:नाले में बहाए थे बॉडी पार्ट्स; पढ़िए हत्याकांड की दृश्यम जैसी कहानी
बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन अभिनीत फिल्म ‘दृश्यम’ का सीक्वल हाल ही में रिलीज हुआ है। इस फिल्म जैसी कहानी का गवाह इंदौर भी रहा है। 6 साल पहले हुए कांग्रेस नेत्री ट्विंकल डागरे हत्याकांड काफी हद तक इस फिल्म से मिलता-जुलता है। इस मामले में सोमवार को मुख्य आरोपी जगदीश करोतिया की जमानत अर्जी हाईकोर्ट ने निरस्त कर दी।
यहां हम आपको रिकॉल करा रहे हैं ट्विंकल डागरे हत्याकांड की पूरी कहानी…
घर से नाश्ता लेने निकली फिर कभी लौटी ही नहीं
16 अक्टूबर 2016 को बाणगंगा के फ्रीगंज इलाके में रहने वाली ट्विंकल डागरे अपने घर से नाश्ता लेने निकली थी। इसके बाद अपने घर नहीं लोटी। इसी दिन रात में परिवार के लोग थाने पहुंचे। ट्विंकल के बालिग होने के चलते पुलिस ने कहा कि 24 घंटे तक इस मामले में नजर रखते हैं। जिसके बाद ही गुमशुदगी दर्ज करेंगे। अगले दिन पुलिस ने मामले में गुमशुदगी का केस दर्ज किया। पुलिस ने ट्विंकल की कॉल डिटेल निकाली। जिसमें उसके मोबाइल की 2 लोकेशन मिली। पहली संगम नगर और दूसरी मरीमाता। इसके बाद उसका मोबाइल बंद हो गया।
22 अक्टूबर को पुलिस ने इस मामले में ट्विंकल के पिता संजय डागरे और मां रीटा डागरे को थाने बुलाया। उनसे बेटी से जुड़ी पूरी जानकारी ली। दोनों ने बताया कि अमित नाम के लड़के से उसकी सगाई हुई थी। वहीं, एक दिन पहले ट्विंकल का भाजपा नेता जगदीश करोतिया के बेटे से भी विवाद होने की बात सामने आई थी। ट्विंकल इससे पहले दिनेश साहू पर भी छेड़छाड़ को लेकर केस दर्ज करा चुकी थी। इसके चलते पुलिस ने तीनों मामलों में जांच शुरू की।
बारी-बारी सबसे पूछताछ, लेकिन नहीं निकला निष्कर्ष
ट्विंकल के लापता होने के बाद से पुलिस ने उसके मंगेतर अमित से पूछताछ की, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला। इसके बाद दिनेश साहू, जगदीश करोतिया और उसके बेटों से पूछताछ की गई। जांच में कुछ भी सामने नहीं आया। उल्टा ट्विंकल के माता-पिता पर ही सभी ने दोष मढ़ा। जिसके बाद पुलिस ने गुमशुदगी की जांच बंद कर दी।
माता-पिता को नार्को टेस्ट से गुजरना पड़ा
ट्विंकल डागरे हत्याकांड शहर का सबसे चर्चित मामला बन चुका था। करीब 3 सालों तक पुलिस के लिए यह मामला सिरदर्द बना रहा। इस दौरान दो एसपी, दो टीआई व एक सीएसपी भी बदल गए। यह मामला पहले गुमशुदगी, फिर अपहरण, इसके बाद हत्या और आखिरी में सबूत मिटाने तक पहुंचा। इस मामले में सरकार बदलते ही पुलिस ने दो माह में इसका खुलासा कर दिया। यहां तक कि ट्विंकल के माता-पिता और जेल में बंद 2 आरोपियों को नार्को टेस्ट से भी गुजरना पड़ा। इसके बाद परत दर परत मामला खुलता गया। आखिर में पुलिस ने इसमें जगदीश करोतिया, उसके बेटे अजय, विजय, विनय और नीलेश को आरोपी बनाकर सभी को जेल भेजा।