विक्रम विश्वविद्यालय के रमाबाई छात्रावास में ऊपरी मंजिल पर रहने वाली आदिम जाति कल्याण विभाग की छात्राओं ने बुधवार को अजाक थाना पहुंचकर विश्वविद्यालय की छात्राओं और वार्डन पर प्रताडि़त करने का आरोप लगाया। अपने आवेदन में छात्राओं ने कहा है विश्वविद्यालय की छात्राएं आदिम जाति कल्याण विभाग की छात्राओं को परेशान करती हैं। इसके पहले विश्वविद्यालय की छात्राओं ने कुलपति और कुलसचिव से आदिम जाति विभाग की छात्राओं की शिकायत की थी।
वर्ष 2017 से विक्रम विश्वविद्यालय के रमाबाई छात्रावास की ऊपरी विंग के 16 कमरों में आदिम जाति कल्याण विभाग की छात्राएं निवास करती है। वहीं नीचे की विंग में विक्रम विश्वविद्यालय की अध्ययनशाला में पढ़ने वाली छात्राएं रहती हैं। छात्राओं में पिछले कई दिनों से छात्रावास के नियमों को लेकर लड़ाई चल रही है। विश्वविद्यालय की छात्राओं ने दो दिन पहले प्रभारी कुलपति डॉ.शैलेंद्र कुमार शर्मा और कुलसचिव डॉ. प्रशांत पुराणिक से ऊपरी विंग में रहने वाली छात्राओं की शिकायत की थी। इसके बाद बुधवार को आदिम जाति कल्याण विभाग की छात्राओं ने अजाक थाने पहुंचकर जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने का आरोप लगाया।छात्राओं ने आवेदन में कहा है कि नीचे की विंग की शोभा सिंह आदिम जाति विभाग की छात्राओं पर झूठे आरोप लगाकर परेशान करती हैं। उनके द्वारा टेरेस पर ताला भी लगा दिया गया है। छात्राओं का कहना है कि विश्वविद्यालय की छात्राएं और वार्डन मिलकर आदिम जाति कल्याण विभाग की छात्राओं को बदनाम कर रही हैं। न्यूज पेपर में झूठे आरोप लगाकर समाचार प्रकाशित कराए जा रहे हैं। हालांकि आवेदन लेने के बाद अजाक थाना टीआई दिलीप मौर्य ने कहा कि यह मामला शासन और विश्वविद्यालय स्तर पर छात्रावास खाली कराने को लेकर है। इस मामले में छात्राओं के आवेदन पर जांच की जा रही है।
विश्वविद्यालय का अपना तर्क
विक्रम विश्वविद्यालय का इस मामले में कहना है कि विश्वविद्यालय की अध्ययनशालाओं में छात्राओं की अधिक संख्या होने पर आदिम जाति विभाग को पत्र लिखकर हॉस्टल की ऊपरी विंग के कमरे खाली करने के लिए कहा है, जिससे विश्वविद्यालय में आने वाली छात्राओं को ठहराया जा सके। पहले आवश्यकता नहीं होने से आदिम जाति विभाग को भवन दिया गया था।