WhatsApp Chatting For Mental Health: किसी दौर में तुरंत बातचीत का सिर्फ एक ही जरिया था टेलीफोन. जिस पर महिलाएं घंटो बतियाती थीं. अब बात करने के बहुत से प्लेटफॉर्म हैं.
फेसबुक इंस्टाग्राम, ट्विटर और वॉट्सएप. जिसमें वॉट्सएप चैटिंग का सबसे आसान और फास्ट जरिया बन चुका है. एक मेंटल हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के आंकड़ों के मुताबिक महिलाएं न सिर्फ वॉट्एप पर लंबी चौड़ी बात करना पसंद करती बल्कि उन्हें मैसेज टाइप करने में भी कोई ऐतराज नहीं होता. पुरुषों के मुकाबले वो ज्यादा लंबे मैसेज भेज सकती हैं.
मानसिक स्वास्थ्य संगठन के नंबर पर महिलाओं की चैटिंग से ये खुलासा हुआ है. इस संगठन का नाम है वंद्रेवाला फाउंडेशन. इस फाउंडेशन की फ्री हेल्प लाइन के तीन महीनों के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. इस संगठन की हेल्पलाइन पर मेंटल हेल्थ पर बात करने वालों में सबसे ज्यादा युवा वर्ग शामिल है. ज्यादा उम्र के लोग फोन पर संपर्क करना पसंद करते हैं.
पुरुषों से ज्यादा महिलाएं करती हैं चैटिंग
इस फाउंडेशन के डेटा को सही मानें तो 53 फीसदी के करीब महिलाएं वॉट्सएप के जरिए चैट कर हेल्पलाइन से संपर्क करती हैं. जबकि इस मामले में पुरुषों की संख्या 42 फीसदी ही रही है. फोन या सीधे आकर बात करने की जगह वॉट्सएप को चुनने की भी खास वजह है. ये वो महिलाएं हैं जो शायद कभी भी सामने आकर मेंटल हेल्थ पर बात करना नहीं चाहेंगी. ऐसी महिलाएं, लड़कियों और युवकों को भी अपनी समस्या, खासतौर से मेंटल हेल्थ से जुड़ी, को वॉट्सएप पर डिस्कस करना ज्यादा आसान लगता है. इसे वो ज्यादा गोपनीय और आसान मीडियम मानते हैं.
आत्महत्या के विचार हावी
फाउंडेशन में आने वाले चैट की सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि अधिकांश लोग सुसाइड करने का जिक्र जरूर करते हैं. वॉट्सएप चैट पर जितने भी सवाल आए हैं उसमें से एक तिहाई से ज्यादा लोगों ने चिंता, डिप्रेशन और स्ट्रेस के अलावा आत्महत्या की बात जरूर की है.