भोपाल से जुड़े जंगल में फिर बाघों का कुनबा बढ़ गया है। रेसिडेंसियल बाघिन123 ने दो शावकों को जन्म दिया है। इसमें एक नर-एक मादा है। इससे पहले गणना में भोपाल में 18 बाघ मिले थे। डीएफओ आलोक पाठक ने बताया कि ये बुधवार को पहली बार शावकों को लेकर शिकार पर निकली थी, उसी दौरान कैमरे में कैप्चर हुई है।
भोपाल के जंगलों की रानी ने बेटियों में बांटा इलाका
बाघिन टी 123 अपनी दो बेटियाें के साथ इलाका साझा कर रही हैं। इसमें टी 123-4 और बाघिन टी 123-2 काे इलाके में आने-जाने देती है। उसने बाघिन 123-2 को समसगढ़ जंगल और टी 123-4 को कठोतिया जंगल साझा किया है।
मूवमेंट आसपास ही
वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट डॉ. सुदेश वाघमारे का कहना है कि भोपाल के बाघों को भोजन मिल रहा है। यहां के बाघ रेसिडेंसियल है। यही उनका जन्म हुआ है। ये एक ही मां की संतान हैं। इसलिए यहीं इनका मूवमेंट बना हुआ है।
भोपाल जंगल 437 वर्ग किमी में
150 वर्ग किमी जंगल ही घना और बाघों की बसाहट के लिए अनुकूल है। बाकी का जंगल पथरीला, विरल और टुकड़ों में बसा हुआ है। वर्ष 2018 की गणना में यहां 18 बाघों की उपस्थिति दर्ज हुई थी।