जिला प्रशासन द्वारा घट स्थापना का एक ही दिन बचा है, देवी मंदिरों की साफ सफाई एवं शुध्द जल की व्यवस्था की ओर अभी तक कोई ध्यान नहीं है- मंगेश श्रीवास्तव

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उज्जैन। भाजपा संस्कृति एवं कला प्रकोष्ठ के नगर जिला मीडिया प्रभारी मंगेश श्रीवास्तव ने एसडीएम डॉ. कल्याणी पांडे को गढ़कालिका मंदिर की दीपमाला की सफाई एवं वाटर कूलर को सुधारने हेतु चलित फोन से सूचना दी लेकिन प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
मंगेश श्रीवास्तव ने बताया कि 22 मार्च को गुड़ी पड़वा से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है। नवरात्रि के अगले दिन ही 23 मार्च गुरुवार को प्रातः 6ः32 से सर्वार्थ सिद्धि योग शुरू हो जाएगा, 24 मार्च को भी सर्वार्थ सिद्धि योग दिन भर रहेगा। 27 मार्च को प्रातः 6ः28 से 28 मार्च की दोपहर 1ः27 तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। वहीं उपासना, पूजा आदि अनुष्ठान करना तो 27 मार्च को अमृत सिद्धि तथा गुरु पुष्य का शुभ रहेगा ही इसके अलावा बजार से भी योग बनेगा। इन योगों में देवी की खरीदारी करना भी अति शुभ होगा।
चंद्र गुरु आदित्य का संयोग नव संवत्सर का आरंभ भी
चंद्र, गुरु, आदित्य के संयोग में नवरात्रि पर्व का आरंभ होगा। चैत्र नवरात्रि से ही नव संवत्सर का भी आरंभ होगा। चैत्र को नवरात्रि का आरंभ बुधवार के दिन उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र शुक्ल उपरांत ब्रह्म योग किंस्तुघ्न करण उपरांत बालव करण तथा मीन राशि के चंद्रमा की साक्षी में होने से यह बहुत ही खास होगा।
मंगेश श्रीवास्तव ने कहा कि रिकॉर्ड तोड़ आय के बावजूद प्रसिध्द मां गढ़कालिका मंदिर में जिला प्रशासन द्वारा महीनों से नहीं सालों से वहां स्थित दीपमालिकाओं की साफ सफाई और पुताई नहीं हुई। एक ओर मां गढ़कालिका मंदिर में देश विदेश से हजारों श्रध्दालु रोज दर्शन करने आते हैं। पर वहां लगा वाटर कूलर की हालत देखकर जिला प्रशासन अभी तक नहीं सुधराया। वहीं जिला प्रशासन द्वारा सिंहस्थ से लेकर अभी तक वहां लगा लेख पर भी सहीं जानकारी नहीं है जबकि मां गढ़कालिका देवी के पास माता लक्ष्मी और माता सरस्वती विराजमान है। वहीं जिला प्रशासन द्वारा कई महीनों से गढ़कालिका मंदिर की साफ सफाई एवं पुताई नहीं हुई, जिसे तुरंत कराई जाए।
भाजपा संस्कृति एवं कला प्रकोष्ठ के सोशल मीडिया प्रभारी मंगेश श्रीवास्तव ने कहा कि एक ओर हिंदू देवी देवताओ के मंदिर व दानपेटी से प्रशासन को अच्छी आमदनी हो रही है। आपने बताया कि प्रसिद्ध गढ़कालिका मंदिर में रिकॉर्ड तोड़ कुमकुम पूजा हुई तो दीपमालिकाएं भी प्रज्जवलित की गई। इससे मंदिर समिति को हजारों रुपए की आय हुई है। भक्तों की ओर से अब तक कि सबसे ज्यादा रिकॉर्ड तोड़ कुमकुम पूजा कराई गई।

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