गीतकार ने भले ही एक बरस के मौसम चार और पांचवां मौसम प्यार का बताया हो पर वैशाख के तीसरे दिन रविवार को लोगों को एक साथ पांच मौसम का अहसास एक ही दिन में हो गया। सुबह से धूप खिली, दोपहर में पीपल के पत्ते गिरते नजर आए। फिर बादल घिरने लगे तो उमस बढ़ी। दोपहर के 3 बजे के बाद गरज चमक के साथ बारिश शुरू हुई और गड़गड़ाहट के साथ ओले भी आ धमके। कुछ देर बाद फिर सूर्यदेव बादलों की ओट से बाहर आ गए।इसके बाद शाम को मौसम सुहावना हो गया और रात को हवाओं ने मौसम में हल्की ठंडक घोल दी। कुल मिलाकर बिगड़े हुए मौसम के मिक्स मसाले का एहसास लोगों को हुआ। शनिवार रात में भी बारिश हुई। स्थानीय मौसम केंद्र द्वारा 03.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। जानकारी के अनुसार तेज हवा के साथ शहर में 2 और ग्रामीण क्षेत्रों में 5 मिनट तक चने और बेर के आकार के ओले गिरते रहे। शहर के सिविल लाइन, सदर, पटकुई, बरारू सहित आसपास के इलाकों में 2 से 3 मिनट तक चने के आकार के ओले गिरे। जिले के गढ़ाकोटा और ग्राम केकरा, रोन, कुमरई, पिपरिया गोपाल, रेगुवां, दत्तपुरा आदि गांव में बेर के आकार के ओले गिरे। बंडा, जैसीनगर सहित अन्य जगहों पर बारिश हुई। कई जगह सड़क और खेतों में ओले बिछे नजर आए। गांवाें में अभी भी कटाई और थ्रेसिंग का काम चल रहा है जिससे फसल को नुकसान हुआ है।