वृंदावन स्थित विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में दर्शनों के लिए रविवार को भीड़ का सैलाब उमड़ पड़ा है। मंदिर की तरफ जाने वाले रास्ते श्रद्धालुओं से भर गए हैं। श्रद्धालु आराध्य की एक झलक पाने को बेताब नजर आ रहे हैं। भीड़ में सबसे ज्यादा बुरा हाल बच्चे और बुजुर्गों का है।
रास्तों में नजर आ रहें श्रद्धालु ही श्रद्धालु
वृंदावन में बांके बिहारी जी के दर्शनों की यह चाहत दिख रही कि हर रास्ते भीड़ से पट गए हैं। आराध्य की एक झलक पाने को श्रद्धालु आतुर हैं। भीड़ ऐसी दिख रही कि पैर रखने की जगह नहीं है। भीड़ में फंसे हर व्यक्ति की एक ही लालसा है कि कैसे भी वह एक झलक भगवान की पा सकें।
भीड़ से बाजार हुआ प्रभावित
भीड़ के कारण बांके बिहारी मंदिर क्षेत्र का बाजार भी प्रभावित हो गया है। विद्यापीठ चौराहे से मंदिर की तरफ जाने वाले रास्ते पर अधिकांश दुकानें बंद हैं। दुकानदार भीड़ के आगे बेबस नजर आ रहे हैं। आलम यह है कि दुकानदार अपनी दुकान नहीं खोल पा रहे हैं।
मंदिर प्रबंधन और प्रशासन की व्यवस्था हुई फेल
मंदिर में भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस और प्रशासन हर दिन नई योजना बनाता है, लेकिन उसकी सभी व्यवस्था फेल नजर आ रही हैं। मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोग भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई भी प्रयास करते नहीं नजर आए। मंदिर की तरफ से बाजारों में भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए न तो निजी सुरक्षा कर्मियों नजर आए न ही व्याकुल होते श्रद्धालुओं को राहत देने के लिए पानी या कोई और व्यवस्था थी।
हर वीकेंड और छुट्टी वाले दिन हो रहे ऐसी ही भीड़
वृंदावन में बांके बिहारी जी के दर्शनों के लिए हर वीकेंड और छुट्टी वाले दिन यही हालात हो रहे हैं। शहर की सड़कें जाम हो जाती हैं और भीड़ सड़कों पर भर जाती हैं। रविवार को भी बांके बिहारी मंदिर की तरफ जाने वाले रास्तों पर एक किलोमीटर से ज्यादा तक केवल श्रद्धालुओं की भीड़ ही भीड़ नजर आई। भीड़ में फंसे लोगों को एक किलोमीटर का मंदिर तक रास्ता तय करने में 2 से 3 घंटे तक लग रहे हैं।
मंदिर में यह है व्यवस्था
बांके बिहारी मंदिर में फिलहाल दर्शनों के लिए गेट संख्या 2 और 3 से प्रवेश कराया जाता है। जबकि निकास गेट संख्या 1 और 4 से है। जबकि 5 नंबर गेट मंदिर के पुजारी और वीआईपी लोगों के लिए रखा है। प्रवेश के लिए श्रद्धालुओं को विद्यापीठ चौराहा और यमुना जी की तरफ से जुगल घाट से लाया जा रहा है।